मुंबई। बैंक कस्टमर्स की शिकायतें दूर करने में देरी पर अब उन्हें मुआवजा भी मिलेगा। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को कस्टमर्स के हित में एक अहम प्रस्ताव रखा है। इसके तहत पेमेंट सिस्टम्स को कस्टमर्स की शिकायतों को तय समय में ही दूर करना होगा।
आरबीआई (RBI) ने शिकायतों के लिए जून के अंत तक टर्नअराउंड टाइम (TAT) फ्रेमवर्क लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही सेंट्रल बैंक जून, 2019 तक समूचे ऑथराइज पेमेंट सिस्टम में कम्पन्सेशन फ्रेमवर्क भी पेश करेगा।
आरबीआई (RBI) ने कहा कि उसने ऑथराइज पेमेंट सिस्टम्स को एक उचित ग्राहक शिकायत निस्तारण मैकेनिज्म लागू करने के निर्देश दिए हैं। आरबीआई (RBI) ने कुछ पेमेंट सिस्टम्स को फेल्ड ट्रांजैक्शंस के समाधान में देरी पर कस्टमर्स को कम्पन्सेशन सुझाने के निर्देश दिए हैं।
समय से शिकायतों का निस्तारण है जरूरी
हालांकि ऐसा देखने में आया है कि विभिन्न पेमेंट सिस्टम्स में कस्टमर की शिकायत के निस्तारण करने में लगने वाला समय अलग-अलग है। आरबीआई ने कहा, ‘सभी इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम्स में तुरंत और कुशल कस्टमर सर्विस उपलब्ध कराने के लिए कस्टमर्स की शिकायतों के रिजॉल्युशन का टीएटी और चार्ज-बैक का मिलान जरूरी है। साथ ही कस्टमर्स के हित में एक कम्पन्सेशन फ्रेमवर्क लागू किया जाना चाहिए।’
पेमेंट सिस्टम की होगी बेंचमार्किंग
सेंट्रल बैंक मई के अंत तक पेमेंट सिस्टम्स की बेंचमार्किंग पर एक रिपोर्ट भी जारी करेगा। आरबीआई ने कहा, ‘पेमेंट सिस्टम्स के मामले में प्रगति के आकलन के लिए पेमेंट सिस्टम की बेंचमार्किंग जरूरी है। साथ ही बड़े देशों में इसका खासा चलन है। इसके अलावा पेमेंट्स के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए इस दिशा में प्रयास करना जरूरी है।’