कोटा| वरिष्ठ ह्रदय शल्य चिकित्स्क डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने कहा कि छोटे शहरों में लोग दिल की बीमारी को समझ ही नहीं पाते और डॉक्टर तीन-तीन स्टेंट तक डाल देते हैं।ऐसे में धमनियों में जमा खून वहीं रहता है। जैसे ही मरीज ने भी दवा खाना बंद किया और स्टेंट काम करना बंद कर देता है। ऐसे में तीन स्टेंट डलवाने से ज्यादा है अच्छा बाईपास सर्जरी करवाना।
डॉ. श्रीवास्तव ने यह बात रविवार को माहेश्वरी समाज और नारायणा मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल जयपुर की ओर से माहेश्वरी भवन झालावाड़ रोड पर आयोजित “दिल की बात” कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि इसमें जरा सी लापरवाही से मरीज की मौत हो जाती है। तीन स्टेंट डलवाने की नौबत हो तो बाईपास सर्जरी करवाना ही बेहतर विकल्प है। इससे मरीज की उम्र 10 से 15 साल तो बढ़ ही जाती है।
न्होंने कहा कि इसमें भी उतना ही खर्च आता है, जितना तीन स्टेंट डलवाने में। इसलिए लोगों को बाईपास से घबराना नहीं चाहिए। श्रीवास्तव अभी तक 15 हजार हार्ट सर्जरी कर चुके हैं और 22 साल तक एसएमएस में सेवाएं दे चुके हैं। वहीं, वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. सैफी आरसी वाला ने कहा कि हार्टअटैक का मुख्य कारण तनाव और डाइबिटीज है। ऐसे में व्यक्तियों को अपने खान-पान और छोटी-छोटी एक्सरसाइज से इसे दूर किया जा सकता है।
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उन्होंने बताया तनाव दूर करने के लिए सप्ताह में एक दिन घर के काम को करना चाहिए, जिसमें साफ-सफाई और खाना बनाने तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि लोग घर और ऑफिस में लिफ्ट से जाने की बजाए सीढ़ी से जाने की आदत डालें, दूध लेने पैदल जाएं, मंदिर पैदल जाना सीखें, इस तरह की आदतों से ठीक-ठीक एक्सरसाइज हो जाती है। लोगों को कठिन एक्सरसाइज करने की आवश्यकता नहीं होती।
डॉ. अंशु काबरा ने बताया हार्टअटैक से बचने उसके लक्षणों को पहचानने के टिप्स दिए। जिसमें बताया कि अस्पताल ले जाने तक क्या करना चाहिए। माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष राजेश बिरला ने स्वागत भाषण दिया। मंत्री बीडी मूंदड़ा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद ओम बिरला थे। अध्यक्षता विधायक संदीप शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि विधायक हीरालाल नागर, महापौर महेश विजय, यूआईटी अध्यक्ष आरके मेहता थे।