‘दुनिया के सबसे बड़े डिमॉक्रेसी का दूसरा प्रधानमंत्री ताशकंद जाता है, वॉर ट्रीटी पर साइन करता है और मर जाता है। सैकड़ों सस्पेंस होते हैं, लेकिन एक शास्त्री जी मरे या मार दिए गए? यह इस देश के मुंह पर ऐसी कालिख है, जिसे मिटाने की, किसी सरकार ने कोशिश नहीं की। हम जानना चाहते हैं कि शास्त्री जी के साथ क्या हुआ था? क्या उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी, या उनका मर्डर किया गया था?’
ऐसे तमाम सवाल विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में तैयार फिल्म ‘The Tashkent Files’ के ट्रेलर में उठाए गए हैं। विवेक की फिल्म का ट्रेलर सोमवार की दोपहर जारी किया गया और ट्रेलर के सामने आते ही लोगों ने इस पर बहस भी शुरू कर दी है। शास्त्री जी का पोस्टमार्डम क्यों नहीं किया गया था? उस दिन शास्त्री जी को थर्मस में दूध किसने दिया था। क्या उसमें जहर था। उन्होंने बजर या घंटी क्यों नहीं दबाई? क्योंकि वहां कोई घंटी नहीं थी, क्या इसके पीछे भी कोई साजिश थी?’
लाल बहादुर शास्त्री का केस हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा कवरप है। शास्त्री जी, क्या खुशखबरी लेकर भारत आ रहे थे… कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस जिंदा हैं। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े डिमॉक्रेसी में जब अटल बिहारी बाजपेई ने शास्त्री जी की मौत पर जांच की मांग की तो उनकी मांग पूरी क्यों नहीं हुई?’ इन्हीं सब सवालों को तलाशती फिल्म की कहानी नजर आ रही है।
ट्रेलर में पंकज त्रिपाठी का किरदार सवाल करता हैं, ‘एक प्रधानमंत्री को जहर दे दिया जाता है, संसद में अटैक हो जाता है और बॉम्बे में ब्लॉस्ट हो जाता है, लेकिन कुछ मत बोलो, यह सेक्यलरिज्म है।’ श्वेता बसु का किरदार इन सवालों को आगे बढ़ता है, ‘जांच के लिए बनीं कमिटी का मकसद सच जानना नहीं बल्कि एक झूठ क्रिऐट करना है क्योंकि सच जानने का सहस किसी में हैं ही नहीं।
सवा सौ करोड़ देश की जनता के लिए क्या सही है और क्या गलत यह तय करने के लिए साहस की जरूरत होती है। यह गांधी और नेहरू का देश है, लेकिन शास्त्रीजी का क्यों नहीं?’ भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, पल्लवी जोशी, पंकज त्रिपाठी, मंदिरा बेदी, श्वेता बसु प्रसाद जैसे मंझे हुए कलाकार हैं। लगभग 3 मिनट के इस ट्रेलर की शुरुआत लाल बहादुर शास्त्री की झलकियों से होती है। और ऐसे सवाल उठते हैं, जिसका पूरे देश को आज तक जवाब नहीं मिला।
विवेक अग्निहोत्री की यह फिल्म 12 अप्रैल 2019 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी, कई साल बाद भी उनकी मौत की गुत्थी नहीं सुलझी। इस गुत्थी को अपनी फिल्म के माध्यम से विवेक अग्निहोत्री सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
फिल्म बनाते समय विवेक ने ट्वीट कर लिखा था, ‘इस दिन हमारे दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। यह हार्ट अटैक था या उन्हें जहर दिया गया था? 52 साल बाद भी आजाद भारत में गुप्त रखी गई इस बात का खुलासा नागरिकों, उनके परिजनों और समर्थकों के सामने नहीं हुआ है। कई साल के रिसर्च के बाद मैं यह फिल्म बनाने जा रहा हूं।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘हिंदुस्तान का नागरिक होने के नाते यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है कि हमारे दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत कैसे हुई यह जानें। क्योंकि कुछ लोग कहते हैं कि उनकी नैचरल डेथ हुई थी, जबकि कुछ लोगों को इसमें संदेह लगता है। मैं इसी रहस्य को फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रहा हूं।’
बता दें, भारत पाकिस्तान के बीच 1965 का युद्ध खत्म होने के बाद 10 जनवरी 1966 को शास्त्रीजी ने पाकिस्तानी सैन्य शासक जनरल अयूब खान के साथ उज्बेकिस्तान के ताशकंद शहर में ऐतिहासिक शांति समझौता किया था। आश्चर्यजनक रुप से उसी रात शास्त्रीजी का कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। शास्त्रीजी पहले व्यक्ति थे, जिन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा गया था।