कोटा। सरकारी घोषणा के बावजूद बुधवार को आधी अधूरी तैयारियों के बीच हाड़ौती के चार में से तीन केंद्रों पर बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन की खरीद नहीं हुई। केवल कोटा में ही 101 कट्टे की खरीद हुई। उधर किसानों के समर्थन में बूंदी में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। ज्ञापन देने जाते वक्त कलेक्ट्रेट में जबरन घुसने का प्रयास कर रहे पीसीसी सचिव भरत शर्मा पुलिस की धक्का-मुक्की के दौरान बेहोश हो गए।
कोटा में लगभग 5 हजार किसान 25 हजार कट्टे लहसुन लेकर पहुंचे, लेकिन राजफैड ने सिर्फ 101 कट्टे ही खरीदे। वहीं, खानपुर में कथा के कारण 22 जून तक मंडी बंद है। इसलिए किसान नहीं पहुंचे। दोपहर 2 बजे के बाद कथास्थल के पास राजफैड ने टेंट लगाना शुरू कर दिया था। अफसरों का दावा है कि गुरुवार से तुलाई शुरू कर देंगे। छीपाबड़ौद में साढ़े चार हजार किसान पहुंचे। कांटा लगने से पहले ही व्यापारियों को 500 क्विंटल से ज्यादा माल बेच दिया। केपाटन में 400 किसान पहुंचे, लेकिन कांटा नहीं लगने से तुलाई नहीं हो सकी।
कृषि मंत्री 3 घंटे फोन पर लेते रहे फीडबैक
बुधवार को सुबह11 बजे कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी सर्किट हाउस पहुंचे। मंत्री ने मीडिया से कहा कि सरकार ने लहसुन के दाम तय कर दिए हैं और किसानों को दिक्कत नहीं होगी। इसके बाद भी उनके चेहरे पर चिंता साफ थी कि कांग्रेस और किसान इससे संतुष्ट नहीं होंगे। वे कांग्रेस के धरने का फीडबैक लेते रहे। इस दौरान किसान मोर्चा के नेता उनसे मिले तो उन्होंने सीएम और सहकारिता मंत्री से जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन दिलाने की बात करने का आश्वासन दिया। तभी कमरे में कलेक्टर रोहित गुप्ता, एडीएम प्रशासन सुनीता डागा ग्रामीण एसपी राजीव पचार पहुंचे। मंत्री ने उनसे किसानों के आंदोलन की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था खराब नहीं होनी चाहिए। अधिकारियों मंत्री के बीच लंबी बातचीत होती रही। करीब दो बजे वे विधायक राजावत अधिकारियों के साथ भामाशाहमंडी चले गए। सर्किट हाउस में बैठकर वे बार-बार जयपुर और कोटा में नेताओं अधिकारियों से संपर्क करते नजर आए।
भारतीय किसान संघ का महापड़ाव आज से
भारतीय किसान संघ संभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने गुरुवार से महापड़ाव डालेगा। दोपहर 12 बजे किसान दशहरा मैदान में पहुंचेंंगे। संघ ने बुधवार को जिला पुलिस प्रशासन के साथ भी बैठक की। ये जानकारी प्रवक्ता गुमानी शंकर धाकड़ ने दी।