नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने वर्ष 2022 तक रूफटॉप सोलर (आरटीएस) परियोजनाओं से 40,000 मेगावाट की संचयी क्षमता हासिल करने के लिए ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है। इस कार्यक्रम को 11,814 करोड़ रुपये की कुल केन्द्रीय वित्तीय सहायता के साथ कार्यान्वित किया जाएगा।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में आवासीय क्षेत्र के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) का पुनर्गठन किया गया है। इसके तहत 3 किलोवाट तक की क्षमता वाली आरटीएस प्रणालियों के लिए 40 प्रतिशत सीएफए और 3 किलोवाट से ज्यादा एवं 10 किलोवाट तक की क्षमता वाली आरटीएस प्रणालियों के लिए 20 प्रतिशत सीएफए उपलब्ध कराई जाएगी।
ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों/आवासीय कल्याण संघों (जीएचएस/आरएडब्ल्यू) के मामले में साझा सुविधाओं को विद्युत आपूर्ति हेतु आरटीएस संयंत्रों के लिए सीएफए को 20 प्रतिशत तक सीमित रखा जाएगा। हालांकि, जीएचएस/आरएडब्ल्यू के लिए सीएफए हेतु मान्य क्षमता प्रति मकान 10 किलोवाट तक ही सीमित होगी।
इसके तहत अधिकतम कुल क्षमता 500 केडब्ल्यूपी तक होगी, जिसमें जीएचएस/आरएडब्ल्यू के अंतर्गत व्यक्तिगत मकानों में लगाए गए आरटीएस की क्षमता भी शामिल होगी। आवासीय श्रेणी के तहत सीएफए 4000 मेगावाट की क्षमता के लिए मुहैया कराई जाएगी और यह मानक (बेंचमार्क) लागत या निविदा लागत, इनमें से जो भी कम हो, के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी।
केन्द्रीय वित्तीय सहायता अन्य श्रेणियों यथा संस्थागत, शैक्षणिक, सामाजिक, सरकारी, वाणिज्यिक,औ़द्योगिक इत्यादि के लिए उपलब्ध नहीं होगी। कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की ज्यादा सहभागिता पर फोकस किया जाएगा।
डिस्कॉम को प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जो पिछले वित्त वर्ष के आखिर में प्राप्त आधार क्षमता अर्थात संचयी क्षमता के अलावा किसी वित्त वर्ष (योजना की अवधि तक प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक) में हासिल आरटीएस क्षमता पर आधारित होंगे।
डिस्कॉम को प्रोत्साहन कुछ इस तरह से होंगे :
मानदंड | प्रोत्साहन |
किसी वित्त वर्ष में स्थापित आधार क्षमता के अलावा 10 प्रतिशत तक हासिल स्थापित क्षमता के लिए | कोई प्रोत्साहन नहीं |
किसी वित्त वर्ष में स्थापित आधार क्षमता के अलावा 10 प्रतिशत से ज्यादा और 15 प्रतिशत तक हासिल स्थापित क्षमता के लिए | स्थापित आधार क्षमता के 10 प्रतिशत से ज्यादा हासिल क्षमता के लिए लागू लागत का 5 प्रतिशत |
किसी वित्त वर्ष में स्थापित आधार क्षमता के अलावा 15 प्रतिशत से ज्यादा हासिल स्थापित क्षमता के लिए | स्थापित आधार क्षमता के 10 प्रतिशत से ज्यादा और 15 प्रतिशत तक हासिल क्षमता के लिए लागू लागत का 5 प्रतिशत प्लस स्थापित आधार क्षमता के 15 प्रतिशत से ज्यादा हासिल क्षमता के लिए लागू लागत का 10 प्रतिशत |
डिस्कॉम और इसके स्थानीय कार्यालय इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए मुख्य केन्द्र होंगे। चूंकि डिस्कॉम को ही अतिरिक्त श्रमबल, बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण, क्षमता निर्माण, जागरूकता इत्यादि के रूप में योजना के कार्यान्वयन के लिए अतिरिक्त खर्च का भार वहन करना पड़ता है, इसलिए उन्हें ‘प्रदर्शन से जुड़े विभिन्न प्रोत्साहन’ देकर भरपाई किए जाने को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत डिस्कॉम को प्रोत्साहन केवल 18,000 मेगावाट की आरंभिक क्षमता वृद्धि के लिए ही दिए जाएंगे।