नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल (GST Council) की आज अहम बैठक होगी। इसमें जीएसटी रेट्स में कमी के रूप में हाउसिंग सेक्टर को बड़ी सौगात मिल सकती है। दरअसल गुजरात के डिप्टी चीफ मिनिस्टर नितिन पटेल की अगुआई वाले ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) ने अफोर्डेबल हाउसिंग कैटेगरी में टैक्स 8 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी करने की सिफारिश की है। जीओएम ने यह रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को सौंप दी है।
काउंसिल की मीटिंग में रियल्टी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सीमेंट पर टैक्स 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किए जाने पर भी विचार किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि मीटिंग के एजेंडे में गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (Goods and Services Tax) में कटौती और जीओएम की रिपोर्ट शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हाउसिंस सेक्टर को बूस्ट देने पर विचार कर रही है।
लॉटरी पर भी एक समान टैक्स लगाने की सिफारिश
लॉटरी (lottery) पर टैक्स रेट की समीक्षा के लिए बनाए गए एक अन्य मिनिस्ट्रियल पैनल ने एक समान जीएसटी (GST) रेट का समर्थन किया, चाहे वह 18 फीसदी हो या 28 फीसदी। मीटिंग में इस पर भी अंतिम फैसला लिया जा सकता है। वर्तमान एक राज्य द्वारा निकाली जाने वाली लॉटरी पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है, हालांकि एक राज्य लॉटरी पर 28 फीसदी जीएसटी लगाता है।
हाउसिंग सेक्टर को मिल सकती है सौगात
आज होने वाली मीटिंग में ज्यादा से ज्यादा लोगों को आवास मुहैया कराने के वास्ते 2 फीसदी के दायरे में लाने के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में भी बदलाव किया जा सकता है। वर्तमान में 50 वर्ग मीटर तक के कारपेट एरिया वाले घरों को अफोर्डेबल हाउस माना जाता है, जिसे बढ़ाकर 80 वर्ग मीटर किया जा सकता है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस कैटेगरी में आ सकें। इस कदम से डेवलपर्स और संभावित घर खरीददारों को फायदा होने का अनुमान है।
समझा जाता है कि रियल एस्टेट सेक्टर में जीएसटी (GST) से संबंधित मुद्दों को देखने के लिए बनाए गए पैनल ने भी निर्माणाधीन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज के लिए जीएसटी रेट 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की सिफारिश की है। हालांकि ऐसा दावा किया गया है कि भविष्य में ऐसे ट्रांजैक्शंस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेना संभव नहीं होगा।