सवाईमाधोपुर। राजस्थान में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जरों ने एक बार फिर रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमा लिया है। रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से कई ट्रेनों को रोक दिया है। ट्रेनें रद्द होने से रेल यातायात पर प्रभाव पड़ा है। वहीं यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे स्टेशनों के वेटिंग रूम में ट्रेनों से मायूस यात्री गंतव्य के इंताजर में बैठे रहे। वहीं पूछताछ विंडो पर यात्री गाड़ियों की जानकारी लेते दिखे। रतलाम-मथुरा पैसेंजर ट्रेन को सवाईमाधोपुर में रद्द किया है। स्टेशन अधीक्षक शिवलाल मीना ने बताया कि आंदोलन को देखते हुए कई ट्रेनों को डायवर्ट भी किया गया है। सर्दी के सितम के बीच रेल सेवा ठप होने से यात्री रात को ट्रेनों के इंतजार में बैठे दिखे। यात्रियों के साथ आए मासूम बच्चे भी सर्दी में सिसकते रहे।
सरकार ने की तीन सदस्य कमेटी गठित
इससे पहले कोटा से अवध एक्सप्रेस को सवाई-माधोपुर रेलवे स्टेशन पर रोका गया । चार अन्य ट्रेनों को भी अन्य स्थानों पर रोका गया है। कोठड़ी गेट पर पटरी उखड़ाने की खबर है। कर्नल किरोड़ी सिंंह बैंसला के नेतृत्व में गुर्जरों ने कूच कर दिया है। आंदोलनकारी दिल्ली-मुम्बई रेलवे ट्रेक पर जा पहुंचे। इससे कई ट्रेनों का संचालन गड़बड़ा गया है।
किरोड़ी बैंसला की अगुवाई में रेलवे ट्रेक पर भारी संख्या में गुर्जर जा बैठे हैं। गुर्जर आंदोलन मामले पर सरकार बातचीत के लिए तैयार हो गई। सरकार ने तीन मंत्रियों की कमेटी बनाई है। इनमें रघु शर्मा, मास्टर भंवर लाल मेघवाल व विश्वेन्द्र सिंह शामिल है।
नीरज के पवन आंदोलन को लेकर बात करने मलारना डूंगर रवाना हुए हैं। इसके चलते सीएम अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम गहलोत ने गुर्जरों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
गुर्जरों में फूटा आक्रोश
बता दें कि मांगे मनवाने के लिए सरकार को शुक्रवार शाम पांच बजे तक का अल्टीमेटम दे चुके गुर्जर नेताओं का काउंटडाउन खत्म होते ही समाज में आक्रोश फूट पड़ा। इसके चलते गुर्जरों ने पटरियों कब्जा जमा लिया। अल्टीमेटम के बावजूद सरकार की ओर से सुध नहीं लेने पर कर्नल बैंसला ने कूच का आह्वान किया।
आंदोलनकारियों ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। दरअसल, आंदोलन की अगुवाई एक बार फिर किरोड़ी सिंह बैंसला के हाथों में है। इससे पहले सवाईमाधोपुर जिले के मलारना डूंगर में गुर्जरों की महापंचायत में मौजूद बैंसला ने मीडिया से बात की और अपनी रणनीति का खुलासा किया।
गुर्जर आंदोलन से प्रभावित ट्रेनें