कोटा । टैक्स कम नहीं हुआ तो तबाह हो जाएगी मार्बल इंडस्ट्री। जीएसटी से पूरी मार्बल इंडस्ट्री डरी हुई है। सारे कर मिलाकर मौजूदा टैक्स 5 फीसदी है जबकि जीएसटी के तहत अब इसे 28 फीसदी स्लैब में रखा गया है। इंडस्ट्री का कहना है कि इससे पूरी इंडस्ट्री तबाह हो जाएगी और लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
मार्बल एवं ग्रेनाइट विक्रेता राजेश मरचुनिया ने Len-den News को बताया कि जीएसटी दरों का एलान होते ही मार्बल इंडस्ट्री की चमक फीकी हो गई। टैक्स में सीधे 23 फीसदी का इजाफा कमर तोड़ देगा। एक लाख के मॉल पर पहले 5000 रुपये टैक्स लगता था, अब 28000 रुपये लगेगा। यानी ग्राहक पर 23000 रुपये का भार पड़ेगा।
राजनगर के मारबल विक्रेता हरीश बाफना ने बताया कि राजस्थान मार्बल कारोबार का गढ़ है। राज्य के 24 जिलों में खनन होता है। मार्बल कारोबारियों का कहना है कि जीएसटी की ऊंची दरों के कारण यहां की 20,000 इकाइयों पर बंदी का खतरा मंडरा रहा है। कारोबारियों की मांग है कि मार्बल पर मौजूदा दर के आसपास ही जीएसटी दर रखी जाए। उन्होंने बताया कि उम्मीद है 11 जून को होने वाली जीएसटी कौंसिल की बैठक में दर कम करने पर विचार होगा।