कोटा।कोटा से श्रीगंगानगर के बीच चलने वाली ट्रेन को रोजाना एलएचबी कोच से चलाया जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने एलएचबी का नया रैक भेजा है। नया रैक कोटा पहुंच चुका है। उसका परीक्षण व साफ-सफाई की जा रही है। अभी तक कोटा-श्रीगंगानगर ट्रेन को एलएचबी कोच से एक दिन छोड़कर एक दिन ही चलाया जा रहा था। नई तकनीक के आरामदायक कोच लगने से यात्रियों को पहले से अधिक बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
कोटा-श्रीगंगानगर ट्रेन को एलएचबी कोच से चलाने के लिए चार रैक की आवश्यकता थी। रेलवे बोर्ड ने पूर्व में दो ही रैक भेजे थे। इससे ट्रेन एक दिन छोड़कर एक दिन चलाई जा रही थी। अब रेलवे बोर्ड ने 18 एलएचबी कोच का रैक भेजा है। एलएचबी कोच का साउंड लेवल 100 डेसीबल होता है। साथ ही कोच में पुराने कोच की तुलना में अधिक स्पेस होता है।
क्या है एलएचबी कोच
ट्रेनों में सफर अधिक सुरक्षित और आरामदायक हो इसके लिए एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगाए जाएंगे। इसके लिए सीआरएस (सेफ्टी ऑफ रेलवे कमिश्नर) का ट्रायल हो चुका है सुरक्षा की दृष्टि से एलएचबी कोच की डिजाइन ऐसी बनाई गई है कि हादसे में नुकसान भी कम होगा और सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में भी झटका महसूस नहीं होगा।
कोच में लगे फाटक भी खूबसूरत दिखेंगे। आधुनिक सुविधाओं से युक्त एलएचबी कोच की खासियत यह है कि इनमें एक कंपार्टमेंट अधिक होगा जिससे स्लीपर व एसी थ्री कोच में आठ और एसी टू में छह बर्थ बढ़ जाएंगी। साथ ही एक कोच में एक तरफ तीन टॉयलेट होंगे और पानी की टंकी भी बड़ी होगी।
पानी की बर्बादी रोकने के लिए कोच के वॉशरूम में पानी की टोटी में सेंसर लगा रहेगा और टायॅलेट में भी ऐसी व्यवस्था की गई है कि 30 किलोमीटर या इससे अधिक की रफ्तार पर जब ट्रेन चलेगी तभी गंदगी रेलवे ट्रैक पर डिस्चार्ज होगी।