कोटा। वर्ष 2017-18 की जीएसटी रिटर्न भरते समय करदाता से यदि कोई कोई गलती हो गई तो उन गलतियों को जीएसटी वार्षिक रिटर्न GSTR-9 में अब सुधारा जा सकेगा। यह जानकारी भोपाल से आए सीए नवनीत गर्ग ने शनिवार को सीए ब्रांच कोटा की ओर से रोटरी बिनानी सभागार में जीएसटी वार्षिक रिटर्न पर आयोजित सेमिनार में दी।
उन्होंने बताया कि किसी भी व्यापारी का एक वर्ष में 2 करोड़ रुपए से अधिक का टर्नओवर है तो उसे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से सर्टिफाइड करना आवश्यक है, क्योंकि जीएसटी कानून में रिटर्न रिवाइज करने का ऑप्शन नहीं है, जो कि पुराने कानूनों में हुआ करता था। GSTR-9 में गलतियों को सुधारने की तारीख को अब 31 दिसंबर 2018 से बढ़ाकर 30 जून 2019 कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जो व्यापारी वर्ष 2017-18 की इनपुट टैक्स क्रेडिट 25 अक्टूबर 2018 तक लेना भूल गए थे, वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ 20 अप्रैल 2019 तक ले सकते है। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों आयोजित जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में सर्विसेज (सेवाओं) को भी कंपोजिशन स्कीम के दायरे में लाने का निर्णय लिया है।
ऐसे में सेवा प्रदाता जिनका वार्षिक टर्नओवर 50 लाख रुपए है वो 6 फीसदी जीएसटी टैक्स चुकाकर कंपोजिशन स्कीम का लाभ ले सकता है, लेकिन उसे अपनी सेवाएं एक ही राज्य के अंदर देनी पड़ेगी। अंतरराज्यीय सेवाएं देने पर उसे कंपोजिशन स्कीम का लाभ नहीं मिल सकेगा। सीए गर्ग ने कहा कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा भी बढ़ाई गयी है।
उन्होंने बताया कि अब ऐसे डीलर जो गुड्स में डील करते है या माल के क्रय-विक्रय में लगे हुए है, उनके लिए टर्नओवर को 20 लाख रुपए से बढ़ाकर अब 40 लाख रुपए करने का निर्णय लिया है। हालांकि इसमें अंतिम निर्णय राज्य सरकार कर सकेगी।
सीए गर्ग ने कहा कि सिक्यूरिटी सर्विस एजेंसी यदि कंपनी के अलावा अन्य व्यक्ति है तथा सर्विस लेने वाला जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारी है तो जीएसटी जमा कराने की जिम्मेदारी अब सर्विस लेने वाले पर होगी।
यह जिम्मेदारी एक जनवरी 2019 से लागू हो गई है, अब इन्हें18 फीसदी जीएसटी टैक्स देना होगा। सेमिनार में सीए प्रीतम गोस्वामी में सीए सदस्यों को मोटिवेट किया और विशेष ट्रेनिंग दी जिसमें कैसे कुछ बातों को बदल बहुत कुछ बदला जा सकता है सिखाया।
सीए देश के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कड़ी
इस सेमिनार के मुख्य अतिथि वरिष्ठ संभागीय परिचालन प्रबंधक (भारतीय रेल) सीए तुषार सारस्वत ने कहा कि भारत सरकार सीए को देश के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कड़ी मानती है और सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का सीए सदस्यों से ऑडिट कराकर यह सुनिश्चित करती है कि क्या वो परियोजना सफल रही है या नहीं।
इसलिए सीए सदस्यों को भी पूरी जिम्मेदारी से कार्य को निष्पादित करना चाहिए। समाज भी इस वर्ग को सम्मान से देखता है और आर्थिक निर्णय में सीए की भूमिका निर्णायक होती है अतः अपने ज्ञान को सदैव अद्य:तन रखना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि रीजनल काउंसिल सदस्य सीए चर्चिल जैन ने सीए सदस्यों को इंस्टीट्यूट द्वारा लागू किए जा रहे नवीन कार्यों की जानकारी दी और बताया की इंस्टीट्यूट को भारतीय रेल के अकाउंटेंट्स को दोहरी लेखांकन पद्धति में परिवर्तन करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जो पूरी हो चुकी है।
कार्यक्रम में कोटा सीए ब्रांच के चेयरमैन सीए कुमार विकास जैन, सचिव सीए नीतू खंडेलवाल, सीपीई चेयरमैन सीए आशीष व्यास आदि ने सीए सप्ताह के समन्वयको का सम्मान किया तथा अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ सीए पी. खण्डेलवाल, दर्शन पिपलानी, हरीश दयानी, गोविंद गर्ग, सीए मेहता मौजूद रहे।