नई दिल्ली। शताब्दी ट्रेनों में यात्रियों की कमी को देखते हुए जल्द ही इसके किराये में कमी करने जा रहा है। अभी ज्यादातर शताब्दी ट्रेन में डायनेमिक फेयर पॉलिसी लागू है, जिसके तहत हर 10 फीसदी सीटों के भरने के बाद किराये में बढ़ोतरी हो जाती है।
वहीं ट्रेन में बीच के स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों की संख्या में भी रेलवे को गिरावट देखने को मिल रही है। इसका फायदा रेलवे के बजाय एसी बसों को मिल रहा है क्योंकि इनका किराया शताब्दी से काफी कम पड़ रहा है।
बीच के स्टेशनों पर यात्रा के लिए देना होगा कम किराया
रेलवे बोर्ड के सदस्य मोहम्मद जमशेद ने कहा कि रेलवे शताब्दी ट्रेनों में अपने यात्रियों की संख्या को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। डायनेमिक फेयर पॉलिसी लागू होने के बाद शताब्दी एक्सप्रेस में केवल 30 फीसदी लोग ही यात्रा कर रहे हैं।
बीच के स्टेशनों पर यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में काफी गिरावट देखने को मिल रही थी, जिसको खत्म करने के लिए रेलवे ने दो शताब्दी ट्रेन के रुट पर एक ट्रायल किया था।
इस ट्रायल के लिए दिल्ली-जयपुर और चेन्नई-बंगलुरू ट्रेन को चुना गया। इसमें बीच के स्टेशनों पर यात्रा करने वालों को एसी बस की तुलना में किराये में कमी की गई थी। इसके बाद दोनों रुट पर यात्रियों की संख्या में 100 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली है।