मुकेश भाटिया
कमोडिटी एक्सपर्ट
कोटा। मोटे धनिए के देश में सबसे बड़े उत्पादक गुजरात में इस बार बुआई आंकड़े में बड़ी गिरावट की आशंका बन रही है। गुजरात राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्तमान सीजन की अभी तक की अवधि में कुल 29,600 हेक्टेयर में धनिए की बुआई हुई है। बीते सीजन की आलोच्य अवधि की तुलना में इस प्रमुख किराना जिंस की नवीनतम बुआई 57.65 प्रतिशत पिछड़ी हुई है।
गौर से देखा जाए तो इस बार राज्य के सबसे बड़े उत्पादक क्षेत्र, सौराष्ट्र, में धनिया की बुआई 58 प्रतिशत से भी अधिक पिछडी हुई नजर आ रही है। गुजरात कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक वर्ष पूर्व की समीक्षागत अवधि में राज्य में धनिए की 69,900 हेक्टेयर में बिजाई हुई थी। इस बार इसकी कुल 29,600 हेक्टेयर में ही अभी तक बुआई हो पाई है। इससे पता चलता है कि गुजरात में इस बार धनिए की बुआई में कुल 40,300 हेक्टेयर या 57.65 प्रतिशत की कमी नजर आ रही है।
इस बार की बुआई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि गुजरात के सबसे बड़े उत्पादक क्षेत्र, सौराष्ट्र, में बुआई 58 प्रतिशत से भी अधिक घटी हुई है बहरहाल, कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सौराष्ट्र में इस बार अभी तक कुल 27,700 हेक्टेयर में धनिया बोया गया है। इसकी तुलना में बीते सीजन की समानावधि में इस क्षेत्र में इसकी 66,500 हेक्टेयर में बिजाई हो चुकी थी। इससे पता चलता है कि सौराष्ट्र में इस बार अभी तक धनिया की बुआई में 38,800 हेक्टेयर या 58.34 प्रतिशत की कमी बनी हुई है।
विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में इस बार अभी तक धनिए की सबसे अधिक 15,500 हेक्टेयर में बिजाई हुई है। इसके अलावा क्षेत्र के गिर (सोमनाथ जिले) में 7800 हेक्टेयर, पोरबंदर जिले में 1100 हेक्टेयर, राजकोट में 900 हेक्टेयर, सुरेन्द्रनगर, मोरबी और अमरेली जिलों में 600-600 हेक्टेयर, जामनगर में 300 एवं द्वारका जिले में 200 हेक्टेयर में धनिया बोया गया है।
क्षेत्र के भावनगर जिले में इस बार अभी तक धनिया की बुआई नहीं होने के आंकड़े आए हैं। बीते सीजन की आलोच्य अवधि में क्षेत्र के जूनागढ़ जिले में इस प्रमुख किराना जिंस की सबसे अधिक 20,900 हेक्टेयर में बुआई हुई थी। इतना ही नहीं, पोरबंदर जिले में इसकी 19,300 हेक्टेयर में बिजाई हुई थी। द्वारका जिले में 9700 हेक्टेयर, राजकोट में 4100 हेक्टेयर, सुरेन्द्रनगर जिले में 2500 एवं जामनगर में 1400 हेक्टेयर में, जूनागढ़ में 800 हेक्टेयर, मोरबी में 300 और भावनगर में 200 हेक्टेयर में धनिए की बुआई हो चुकी थी
राज्य कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार मध्य गुजरात में इस बार अभी तक धनिए की केवल 300 हेक्टेयर में ही बुआई हुई है। बीते सीजन की समीक्षागत अवधि में इस क्षेत्र में इसकी 700 हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी इससे पता चलता है कि मध्य गुजरात में इस बार धनिए की बुआई में 400 हेक्टेयर या 57.14 प्रतिशत की गिरावट की स्थिति बनी हुई है।
कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार क्षेत्र के अहमदाबाद, दाहोद एवं वडोदरा जिलों में केवल 100-1000 हेक्टेयर में धनिए की बिजाई हुई है। पिछले सीजन की तुलनात्मक अवधि में क्षेत्र के अहमदाबाद जिले में 400 हेक्टेयर, दाहोद में 200 तथा खेड़ा जिले में 100 हेक्टेयर में इस प्रमुख किराना जिंस की बिजाई हो चुकी थी गुजरात कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार कच्छ में इस बार अभी तक 1200 हेक्टेयर में धनिया बोया जा चुका है।
पिछले सीजन की आलोच्य अवधि में इस क्षेत्र में इसकी 2300 हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। दूसरे शब्दों में, इस क्षेत्र में इस बार अभी तक की अवधि में धनिया की बुआई 1100 हेक्टेयर या 47.82 प्रतिशत पिछड़ी हुई है। गुजरात में इस बार की धनिया बुआई की एक सकारात्मक किरण केवल यही है कि उत्तरी गुजरात में पिछले सीजन की तरह ही इस बार भी 400 हेक्टेयर में ही धनिया की बिजाई हुई है