नई दिल्ली। सरकार ने जीएसटी की सालाना रिटर्न जीएसटीआर-9 फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2018 से बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दी है। सरकार ने जीएसटीआर-9 के साथ जीएसटीआर-9ए और जीएसटीआर-9सी की फाइलिंग डेट भी बढ़ाकर 31 मार्च कर दी है। ये सभी रिटर्न फॉर्म जीएसटी पोर्टल पर जल्द ही उपलब्ध हो जाएंगे। गुरुवार को ट्रेडर्स ने लेटर लिखकर सरकार से जीएसटीआर-9 की फाइल करने की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी।
ट्रेडर्स सरकार से जीएसटी की सालाना रिटर्न जीएसटीआर-9 फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2018 से बढ़ाकर 31 मार्च 2019 करने की मांग कर रहे थे। ट्रेडर्स के मुताबिक कारोबारी जीएसटी की सालाना रिटर्न पहली बार फाइल करेंगे, ऐसे में उन्हें इसके लिए ज्यादा समय चाहिए था। एसोसिएशन ने फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली को लेटर लिखकर जीएसटी रिटर्न फाइल करने की आखिरी डेट बढ़ाने के लिए कहा था।
पहली बार फाइल करेंगे जीएसटीआर-9
देश भर में जीएसटी 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था। करीब डेढ़ साल बाद ट्रेडर्स पहली बार जीएसटी सालाना रिटर्न फाइल करेंगे। ट्रेडर्स एसोसिएशन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के जनरल सेक्रेटरी प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी पोर्टल पर पहली बार सालाना रिटर्न का प्रारूप आया है, जिसके कारण जीएसटी पोर्टल पर पंजीकृत करीब 1 करोड़ कारोबारियों और ट्रेडर्स को दिक्कत पेश आ रही थी।
जरूरी है सही जीएसटीआर-9 फाइल करना..
जीएसटी पोर्टल पर इस साल में अब तक की सभी फाइल की गई रिटर्न को ठीक करने का यह आखिरी मौका है। ऐसे में यह रिटर्न सही फाइल करना जरूरी है। इससे पहले कारोबारियों ने कभी भी सालाना सेल रिटर्न नहीं फाइल की है क्योंकि वैट या सेल्स टैक्स के समय में सालाना रिटर्न नहीं जाती थी। कारोबारी पहली बार सालाना रिटर्न फाइल करेंगे।
पहले 31 दिसंबर थी लास्ट डेट
कारोबारियों और ट्रेडर्स को 31 दिसंबर 2018 तक जीएसटी का सालाना रिटर्न GSTR-9 फाइल करनी थी जिसे सरकार ने अब आगे बढ़ा दिया है। कारोबारियों को जीएसटीआर-9 के लिए पहले से रिकॉर्ड तैयार करने होंगे क्योंकि इसमें पूरे साल के सेल परचेज की डिटेल देनी है।
जीएसटीआर-9 में देनी होगी ये जानकारी
जीएसटीआर-9 में सभी 12 महीनों की जीएसटीआर-1, जीएसटीआर2 ए, जीएसटीआर-3बी की डिटेल और डेटा देना होगा। आपको इन सभी रिटर्न में दी गई जानकारी की डिटेल्स जीएसटीआर-9 में देनी होगी। इसे फाइल करने के लिए कारोबारियों को पहले से ज्यादा पेपरवर्क करना होगा। कारोबारियों के लिए बेहतर होगा कि वह जीएसटी की वेबसाइट से अपने पिछले डेटा रिकॉर्ड पहले से ही निकाल लें।