नई दिल्ली। सोमवार को इंटरनेट ट्रैफिक हाइजैक हो गया, जिसकी वजह से Google की कई महत्वपूर्ण सर्विसेज़ प्रभावित हुईं। कुछ गूगल यूज़र्स ने बताया की यूट्यूब जैसी कई गूगल सर्विसेज या तो बहुत ही धीरे चल रहीं थी या फिर बिल्कुल बंद पड़ीं थी। इसके अलावा सर्च और क्लाउड होस्टिंग जैसी सर्विस भी प्रभावित हुईं। इंटरनेट की मॉनिटरिंग करने वाली कंपनियों के मुताबिक, ये सभी सेवाएं करीब 2 घंटों कर बाधित रहीं और शाम करीब साढ़े पांच बजे (स्थानीय समयानुसार) जाकर चालू हो सकीं।
माना जा रहा है कि ऐसा चीन, नाइजीरिया और रूस जैसे देशों में इंटरनेट ट्रैफिक की दिशा में परिवर्तन (misdirected) की वजह से हुआ। गूगल की सेवाओं तक पहुंचने वाले डेटा ट्रैफिक का मार्ग बदलकर रूस और चीन के नेटवर्कों से आने के कारण गूगल की कुछ सेवाएं बाधित हो गईं। इस मामले में रूसी और चीनी टेलिकॉम कंपनियों के अलावा एक नाइजीरियाई इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी का नाम सामने आया है।
गूगल ने सोमवार को ही अपने ऑफिशल पेज पर अपनी सर्विसेज़ में पैदा हुई बाधा के बारे में जानकारी दी थी। नेटवर्क इंटेलिजेंस कंपनी ThousandEyes के एक एग्जिक्युटिव के अनुसार यह हाइजैक बेहद बुरा था, जिसने गूगल को बेहद नुकसान पहुंचाया। इस तरह के दिशा परिवर्तन (rerouting) की वजह से जासूसी और चोरी भी हो सकती है।
बता दें कि, औपचारिक तौर पर बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल हाइजैकिंग के तौर पर जानी जाने वाली इस प्रक्रिया के माध्यम से जरूरी सेवाओं को ऑफलाइन कर जासूसी और वित्तीय चोरी को अंजाम देने की कोशिश की जाती है। गूगल सेवाओं तक पहुंचने वाला 97 प्रतिशत नेटवर्क ट्रैफिक इनक्रिप्टेड है जो दिशा परिवर्तन (rerouted) होने के बावजूद किसी तरह के खतरे से बचा रहता है।