नई दिल्ली। भारत में व्हाट्सऐप यूजर्स की पहचान को लेकर सरकार ने एक बार फिर से कड़ा रुख जाहिर दिया है। सरकार ने फिर से व्हाट्सऐप से उल्टे-सीधे मैसेज भेजने वालों की पहचान बताने को कहा है। सरकार ने व्हाट्सऐप से कहा है कि वह मैसेज के बारे में जानकारी ना दें लेकिन कम-से-कम मैसेज भेजने वाले की लोकेशन और उसकी पहचान जरूर बताए। सरकार ने कहा है कि यह कदम फर्जी खबरों को फैलने से रोकने में कामयाब होगा।
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मामले पर बोलते हुए कहा, ‘हम फर्जी और अफवाह फैलाने वाले मैसेज को भेजने वालों की जानकारी चाहते हैं। हम नहीं चाहते हैं कि व्हाट्सऐप के मैसेज को डीक्रिप्ट किया जाए, लेकिन हम ऐसे फेक मैसेज को आगे भेजने और फैलाने वाले लोगों की लोकेशन और पहचान जानना चाहते हैं, ताकि फर्जी मैसेज की वजह से होने वाले दंगों और अपराधों पर लगाम लगे।’
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि व्हाट्सऐप की टीम ने इस मुद्दे पर उन्हें आश्वासन दिया है कि वे इस मामले पर विचार करेंगे। बता दें कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सऐप पर पिछले कई महीनों से फर्जी खबरों को रोकने को लेकर भारत सरकार का दबाव है।
गौरतलब है कि रविशंकर प्रसाद और व्हाट्सऐप के वाइस प्रसिडेंट क्रिस डेनियल की अगस्त में भी इसी मुद्दे पर मुलाकात हुई थी। उस मुलाकात में क्रिस डेनियल ने भारत सरकार के उस अनुरोध को ठुकरा दिया था जिसमें व्हाट्सऐप मैसेज भेजने वालों की पहचान बताने की बात कही गई थी।
बता दें कि आईटी मंत्रालय के मुताबिक डेनियल और उनकी टीम ने पिछली बैठक के मुद्दों पर प्रगति को लेकर चर्चा की। व्हाट्सऐप ने मंत्री को सूचित किया कि उन्होंने भारत के लिए एक शिकायत अधिकारी नियुक्त किया है जो अमेरिका में तैनात रहेंगे। मंत्री ने सुझाव दिया कि शिकायत अधिकारी भारत में स्थित होना चाहिए।
मंत्रालय के मुताबिक पिछली बैठक में भारत में व्हाट्सएप की स्थानीय इकाई के बनाने के मुद्दे भी थे जिसके बाद में व्हाट्सएप ने बताया कि उसने भारत में एक कंपनी शामिल की है और जल्द ही उसे शुरू करने जा रहा है।