नई दिल्ली। छोटे कारोबारियों के लिए तय 20 लाख रुपये टर्नओवर तक जीएसटी से छूट की सीमा संयुक्त प्रॉपर्टी के मामले में सभी मालिकों को अलग-अलग मिलेगी। जीएसटी लागू होने के बाद से चले आ रहे विवाद में केरल की अथॉरिटी ऑफ अडवांस रूलिंग के फैसले में साफ किया गया है कि प्रॉपर्टी से कुल सालाना इनकम अगर 20 लाख से ज्यादा है, लेकिन किसी संयुक्त मालिक को 20 लाख से कम हिस्सा मिलता है तो उसे जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेने की जरूरत नहीं होगी।
टैक्स जानकारों का कहना है कि यह फैसला दूरगामी असर रखता है, क्योंकि सर्विस टैक्स के जीएसटी में समाहित होने के बाद से लाखों की तादाद में प्रॉपर्टी के संयुक्त मालिकों पर रजिस्ट्रेशन और टैक्स कंप्लायंस की तलवार लटकी थी।
जीएसटी कंसलटेंसी ए2जेड-टैक्सकॉर्प के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बिमल जैन ने lendennews-ee4f51.ingress-erytho.ewp.live को बताया कि इस तरह के विवाद देश भर में चल रहे हैं और पहली बार किसी अथॉरिटी ने दो टूक कहा है कि अगर कोई प्रॉपर्टी संयुक्त मालिकाना हक वाली है और उससे होने वाली आय सह-भागीदारों में बराबर-बराबर बांटी जाती है तो सेक्शन-22 के तहत स्मॉल बिजनस के लिए निर्धारित 20 लाख की एग्जेम्शन लिमिट सभी को अलग-अलग मिलेगी।
मसलन, अगर किसी प्रॉपर्टी से 40 लाख रुपये सालाना किराया आता है और चार को-ओनर्स को 10-10 लाख रुपये मिलते हैं तो उनमें से किसी को भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। पेश मामले में एक ही प्रॉपर्टी के 13 मालिकों ने उससे होने वाली आय पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरूरत के खिलाफ अपील की थी।
अथॉरिटी ने यह दुविधा भी खत्म कर दी है कि अगर जॉइंट ओनर्स में से कोई एक व्यक्ति ही किराया वसूलता है या उसी के अकाउंट में पूरा पैसा आता है, लेकिन वह उसे सभी मालिकों में बराबर बराबर बांट देता है तो उसकी गतिविधि महज निजी प्रबंधन मानी जाएगी और उसकी लाइबिलिटी पर कोई असर नहीं होगा। वह भी अन्य मालिकों की तरह ही ट्रीट किया जाएगा।
सर्विस टैक्स रिजीम में भी यही व्यवस्था लागू थी और 10 लाख की एग्जेम्शन अलग-अलग मिलती थी, लेकिन जीएसटी रिजीम में इसे लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ था। प्रॉपर्टी से रेंटल या अन्य आय पर 18% की दर se जीएसटी देय है।
जैन ने बताया कि यह फैसला सिर्फ प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम पर लागू होगी, चाहे उसका इस्तेमाल रेजिडेंशियल या कमर्शिय किसी भी गतिविधि के लिए हो। लेकिन दूसरे बिजनस पार्टनर या पार्टनरशिप फर्म के मामले में क्राइटेरिया अलग होगा और वहां कुल टर्नओवर पर ही 20 लाख की छूट मिलेगी।