एयरटेल को पीछे छोड़ जियो नंबर दो पोजिशन पर

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नई दिल्ली।रिलायंस जियो इन्फोकॉम जून क्वॉर्टर में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के मोर्चे पर भारती एयरटेल को पीछे छोड़ते हुए देश की नंबर दो टेलिकॉम कंपनी बनी गई। इसका खुलासा टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई के हालिया डेटा से हुआ है। मुकेश अंबानी की जियो को एक्सेस सर्विसेज से मिलने वाला AGR यानी लाइसेंस्ड सर्विसेज से हासिल रेवेन्यू जून क्वॉर्टर में तिमाही आधार पर 14.6% बढ़ोतरी के साथ 7,125 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

टेलिकॉम रेग्युलेटर की तरफ से बुधवार को जारी तिमाही फाइनैंशल डेटा के मुताबिक मौजूदा फिस्कल ईयर के दूसरे क्वॉर्टर में भारती एयरटेल का AGR तिमाही आधार पर 5.1% गिरावट के साथ ₹6,723 करोड़ रुपये रह गया। ट्राई के आंकड़ों से करीब दो साल पहले टेलिकॉम मार्केट में एंट्री करने वाली जियो की तेज रफ्तार और पुराने मार्केट लीडर की घटती ताकत का पता चलता है।

जियो, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर दोनों से इंडिविजुअल तौर पर मार्च क्वॉर्टर में ही आगे निकल गई थी लेकिन अगस्त के अंत में उनके मर्जर से बनी वोडाफोन आइडिया से पीछे हो गई है। मर्जर से पहले जून क्वॉर्टर में वोडाफोन का AGR तिमाही आधार पर 9.2% घटकर ₹4,483.68 करोड़ जबकि आइडिया का रेवन्यू 7.2% घटकर ₹3,743.12 करोड़ रुपये रह गया था। दोनों का टोटल रेवेन्यू ₹8,226 करोड़ होता है।

रिलायंस जियो के अलावा सिर्फ सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल के AGR में जून क्वॉर्टर के दौरान बढ़ोतरी हुई। कंपनी का एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू तिमाही आधार पर 6.8% बढ़कर ₹2,273 करोड़ रुपये हो गया। जियो की ग्रोथ रेट को देखते हुए ऐनालिस्ट कह रहे हैं कि इसे AGR के मोर्चे पर वोडाफोन आइडिया से आगे निकलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

जियो ने सितंबर 2016 में एंट्री करते ही इंडियन मार्केट में टैरिफ वॉर शुरू करा दी थी, जिसके चलते पुरानी टेलिकॉम कंपनियों के रेवेन्यू में तेज गिरावट आई। उसकी वजह से इंडस्ट्री का AGR घट गया और अगले कुछ महीनों में एग्जिट और मर्जर के जरिए कंसॉलिडेशन का दौर चला।

जून क्वॉर्टर में जियो और बीएसएनएल की ग्रोथ की वजह से इंडस्ट्री का AGR 2.40% बढ़कर ₹35,552 करोड़ रुपये हो गया, जो उससे दो क्वॉर्टर लगातार गिरावट का शिकार हुआ था। इंडस्ट्री के एक्सेस सर्विसेज का 70% से ज्यादा कंट्रीब्यूशन होता है।

इसी बीच टेलिकॉम सेक्टर के लाइसेंस फीस कलेक्शन में गिरावट का सिलसिला बना रहा। जून क्वॉर्टर में यह 0.11% घटकर ₹2,929 करोड़ रुपये रह गया। स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज भी इस दौरान गिरावट का शिकार हुआ और 2.21% की कमी के साथ 1023 करोड़ रुपये रह गया। टेलिकॉम ऑपरेटर अपने AGR के हिसाब से सरकार को लाइसेंस फीस और एसयूसी अदा करती हैं।

जून क्वॉर्टर में एलटीई सहित जीएसएम सर्विसेज का मंथली एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) मार्च क्वॉर्टर के 76 रुपये से घटकर 69 रुपये रह गया। दरअसल इंडस्ट्री प्लेयर्स के टैरिफ वॉर के बीच कस्टमर्स फ्री वॉयस ऑफर्स का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। जून में प्रति सब्सक्राइबर वॉयस सर्विसेज इस्तेमाल मार्च के 584 मिनट से बढ़कर 608 मिनट हो गया।