–मुकेश भाटिया, व्यापार दूत
कोटा। रबी फसलों की बुआई के लिए नकदी की अपनी जरूरत को पूरा करने हेतु राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसानों ने अपनी धनिया फसल की बिक्री तेज कर दी है। आगामी समय में धनिया थोड़ा-बहुत और मंदा होने की आशंका है।
सर्वे से पता चला है कि खरीफ फसलों की छुटपुट मात्रा में कटाई आरम्भ हो चुकी है। जैसे-जैसे खरीफ फसलों से खेत खाली होते जाएंगे, वैसे-वैसे किसान इनमें रबी फसलों की बुआई की तैयारी भी आरम्भ कर देंगे। रबी फसलों की बुआई के लिए नकदी की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों ने हाल ही में अपनी धनिया फसल की बिक्री बढ़ा दी है।
इसके फलस्वरूप राजस्थान की बारां मंडी में जहां धनिया की आवक बढ़ती हुई फिलहाल 4-5 हजार बोरियों की होने लगी, वहीं रामगंज में आवक 17-18 हजार बोरियों की होने की जानकारी मिली। आवक बढ़ने तथा दिसावरों, स्टॉकिस्टों और निर्यातकों की सक्रियता के अभाव में रामगंज मंडी में धनिया बादामी तथा ईगल हाल ही में 200-200 रुपए मंदा होकर फिलहाल क्रमशः 3800/4000 रुपए तथा 4000/4200 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। बारां मंडी में भी धनिया इसी स्तर पर बना होने की जानकारी मिली।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पिछले कुछ समय से भारतीय धनिया 1.54 डॉलर प्रति किलोग्राम पर बना हुआ है। बीते महीने की आलोच्य अवधि में इसकी कीमत 1.41 डॉलर थी। इस आधार पर देखें तो धनिया की नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय कीमत 0.13 डॉलर या 9.21 प्रतिशत ऊंची बनी हुई है।
एक और महत्वपूर्ण कारण यह है कि अमेरिकी डॉलर की अपेक्षा रुपया कमजोर होता हुआ 72 से भी नीचा बना होने से निर्यात पडता भी आकर्षक हो गया है लेकिन मानसून सीजन के कारण फिलहाल ऐसी कोई गतिविधि नहीं सुनी गई।
दूसरी ओर, मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में धनिया की आवक बढ़ने की जानकारी मिली। वहां पर नमी एवं क्वालिटी के आधार पर धनिया की थोक कीमत हाल ही में तेज होकर 3600/4600 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहने की सूचना है। बढ़िया क्वालिटी का ग्रीन माल 4500/5000 रुपए के बीच बोला गया।
मध्य प्रदेश में अच्छी मानसूनी वर्षा हुई है। हाल ही में आई मंदी के बाद भी घरेलू धनिया बाजारों में कामकाजी गतिविधियां सुस्त ही बनी हुई है। इधर, स्थानीय थोक किराना बाजार में धनिया बादामी पिछले कुछ समय से 5800/6000 रुपए प्रति क्विंटल पर रूका हुआ है। इसका प्रमुख कारण उठाव में कमी है। हालांकि स्टॉक अभी भी कीमत पर असर डाल रहा है।
घरेलू बाजारों में धनिया की कीमत तुलनात्मक रूप से नीची बनी होने के कारण हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष 2017-18 में देश से 272.74 करोड़ रुपए कीमत के 35,185 टन धनिए का निर्यात हुआ। बीते वित्त वर्ष की आलोच्य अवधि में इसकी 30,300 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 292.07 करोड़ रुपए की आय हुई थी।
स्पष्ट है कि इस बार धनिए के मात्रात्मक निर्यात में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि आय 7 प्रतिशत घटी है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए आगामी समय में धनिया थोड़ा-बहुत और मंदा हो सकता है।