नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि भारत में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों और वैकल्पिक ईंधन तकनीक पर एक नीति लाएगी। पीएम ने कहा, ‘दुनिया अभी नई गतिशीलता क्रांति (न्यू मोबिलिटी रेवलूशन) के मध्य में है और भारत के पास इस मौके को भुनाने की आंतरिक खासियतें हैं।’
उन्होंने उद्योगपतियों एवं दुनियाभर के कारोबारी नेतृत्व से प्रकृत्ति के अनुरूप नया मोबिलिटी इकोसिस्टम तैयार करने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि भारत तेजी से उभरती तकनीक के लिए सर्वोत्तम स्थान हो सकता है।
प्रधानमंत्री ने ये बातें नीति आयोग द्वारा आयोजित पहले ग्लोबल मोबिलिटी समिट (मूव) को संबोधित करते हुए कहीं। इस समिट में सुजुकी मोटर के चेयरमैन ओसामु सुजुकी, टोयोटा मोटर के चेयरमैन ताकेशी उचियमादा, एबीबी के सीईओ यूलरिक स्पाइजहॉपर और बॉस के वॉकमर डेनर जैसे ग्लोबल बिजनस लीडर्स भी शामिल थे।
इनके अलावा, भारतीय ऑटो इडंस्ट्री से महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल और भारत फोर्ज के चेयरमैन बाबा कल्याणी जैसी हस्तियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। नई नीति में बैटरी चालित और वैकल्पिक ईंधन वाहनों के उत्पादन बढ़ाने में वाहन निर्माताओं की मदद दी जाएगी।
इसका एक मकसद बढ़ते तेल आयात बिल में कटौती लाना भी है। प्रधानमंत्री ने इंडस्ट्री से इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग और चार्जिंग के लिए जरूरी ढांचे के निर्माण में निवेश करने का आह्वान किया । उन्होंने कहा, ‘आगे का रास्ता चार्ज मोबिलिटी से होकर गुजरता है। हम बैटरीज से लेकर स्मार्ट सिटीज और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी तक में निवेश आकर्षित करना चाहते हैं।’
पीएम का यह बयान उस वक्त आया है जब करीब-करीब सभी घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय वाहन निर्माता इलेक्ट्रिक वीइकल्स के लिए एक रोडमैप पॉलिसी लाने की मांग कर रहे हैं ताकि इसमें निवेश की योजना बनाई जा सके।
सुजुकी और साइक मोटर्स के प्रेजिडेंट चेन झिक्सिन समेत ऑटो इंडस्ट्री के अन्य दिग्गजों ने सरकार से प्रोत्साहन नीति लाने और चार्जिंग की सुविधा जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण को गति प्रदान करने की अपील की। वहीं, पीएम मोदी ने लोगों से जाम फ्री आवाजाही के लिए प्राइवेट कारों की जगह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील की।