नई दिल्ली। देश में पहली बार कोई यात्री विमान जैव ईंधन से उड़ान भरेगा। भारतीय विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सोमवार को स्पाइसजेट का बॉम्बार्डियर क्यू-400 विमान देहरादून एयरपोर्ट से टेकऑफ करेगा।
यहां 10 मिनट के परीक्षण के बाद इसे दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के लिए रवाना किया जाएगा। इस प्रयोग के साथ ही भारत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह तकनीक भारतीय पेट्रोलियम संस्थान देहरादून में तैयार हुई है। जैव ईंधन से उड़ान के परीक्षण के मौके पर केंद्रीय उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन मौजूद रहेंगे।
80 फीसदी कम होगा कार्बन उत्सर्जन : जैव ईंधन ऊर्जा का वैकल्पिक स्रोत है। इसके इस्तेमाल से पर्यावरण प्रदूषण कम करने में मदद मिल सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके इस्तेमाल से उड़ानों में कार्बन का उत्सर्जन 80% तक घटाया जा सकता है।
जैव ईंधन से 15 घंटे उड़ान भर चुका है ऑस्ट्रेलियाई विमान : इस ईंधन के इस्तेमाल से तीन देशों के यात्री विमान उड़ान भर चुके हैं। जनवरी में ऑस्ट्रेलियाई विमान ड्रीम लाइनर बोइंग 787-9 ने लॉस एंजिल्स से मेलबर्न के बीच 15 घंटे की उड़ान भरी थी।
2013 में नीदरलैंड की केएलएम एयरलाइन का विमान न्यूयॉर्क से एम्सटर्डम पहुंचा था। 2011 में अमेरिका की अलास्का एयरलाइंस के एक विमान ने 50% कुकिंग ऑयल से बने जैव ईंधन की मदद से उड़ान भरी थी।