वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद एक और चेतावनी जारी कर दी है। ट्रंप ने कहा है कि जो भी देश ईरान के साथ व्यापार जारी रखेगा वह अमेरिका के साथ व्यापार नहीं कर पाएगा। बता दें कि डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार से ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिए हैं।
ईरान से ये प्रतिबंध 2015 के परमाणु करार के बाद हटाए गए थे। ट्रंप के इन प्रतिबंधों का असर भारत पर भी पड़ सकता है। चीन के बाद भारत ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत अब धीरे-धीरे ईरान से किनारा कर रहा है। अभी जून में ही भारत ने ईरान से 12 फीसदी कम तेल आयात किया था।
ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘ईरान पर लगे प्रतिबंध आधिकारिक तौर पर लागू हो गए हैं। यह अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध हैं और नवंबर में यह अगले स्तर तक जाएंगे। ईरान के साथ जो भी व्यापार करेगा वह अमेरिका के साथ व्यापार नहीं कर सकेगा। मैं सिर्फ दुनिया के लिए शांति मांग रहा हूं, उससे कम नहीं!’
अमेरिका के प्रतिबंधों से पेट्रोलियम संबंधित लेनदेन रुकेगा। इसके अलावा विदेशी वित्तीय संस्थानों का ईरान के केंद्रीय बैंक के साथ लेनदेन भी रुक जाएगा। ट्रंप ने हालांकि, कहा कि वह ईरान के साथ अधिक व्यापक परमाणु करार पर विचार को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका इन प्रयासों में समान सोच वाले राष्ट्रों की भागीदारी का स्वागत करता है।’
अमेरिकी प्रतिबंधों के पहले चरण में ईरान की अमेरिकी मुद्रा तक पहुंच तथा कार और कालीन समेत अन्य प्रमुख उद्योगों को निशाना बनाया गया है। ईरान पहले से ही प्रतिबंध के प्रभाव का सामना कर रहा है। ट्रंप द्वारा समझौते से बाहर निकलने की घोषणा के बाद से उसकी मुद्रा रियाल का मूल्य करीब आधा रह गया है।
यूरोपीय संघ की राजनयिक प्रमुख फेडेरिका मोगेरिनी ने कहा कि अमेरिका के फिर से प्रतिबंध लगाने पर ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत समूह के अन्य देशों ने खेद जताया है। अमेरिकी जुर्माने के डर से कई बड़ी कंपनियां ईरान से बाहर जा रही है।
ट्रंप ने ईरान के साथ कारोबार जारी रखने वाली कंपनियों और लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। अमेरिकी प्रतिबंधों का दूसरा चरण 5 नवंबर से प्रभावी होगी और इससे ईरान के कच्चे तेल की बिक्री पर रोक लगेगी। यह स्थिति भारत, चीन और तुर्की जैसे कई देशों को अत्यधिक नुकसान पहुंचाएगी।