नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने दो दिन की बैठक के बाद बुधवार को अमेरिकी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें स्थिर रखी हैं। फिलहाल अमेरिका में ब्याज दरें 1.75 फीसदी पर बरकरार है। फेडरल रिजर्व इकोनॉमी, इंफ्लेशन को देखकर आगे दरें बढ़ाएगा। इससे पहले मार्च में फेडरल रिजर्व ने साल 2018 में पहली बार ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी।
मजबूती के साथ बढ़ रहा है यूएस इकोनॉमी
फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी इकोनॉमी मजबूत रेट के साथ बढ़ रहा है। वहीं बेरोजगारी दर में कमी आई है। हाउसहोल्ड स्पेंडिंग और बिजनेस फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट भी मजबूती के साथ ग्रो कर रहा है। पॉवेल ने अमेरिका में इंफ्लेशन 2 फीसदी के करीब रखने का लक्ष्य है। अमेरिकी इकोनॉमी पर फेडरल रिजर्व का भरोसा बढ़ा है। यूएस इकोनॉमी को सॉलिड से स्ट्रांग पर अपग्रेड किया गया है। फेडरल रिजर्व सितंबर में दरें बढ़ा सकता है।
2019 में 3 बार बढ़ोतरी का अनुमान जताया
यूएस फेड ने 2019 में दरों का अनुमान 2.7 फीसदी से बढ़ाकर 2.9 फीसदी किया है। अगले साल तीन बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी का अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि 2020 तक ब्याज दरें बढ़कर 3.4 फीसदी हो सकती है।
मार्च 2018 में पहली बार बढ़ी थी दरें
मार्च 2018 में पहली बार फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें बढ़ाई थी। इससे पहले फरवरी में हुई बैठक में ब्याज दरें नहीं बढ़ाई गई थी। 2015 के बाद से यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरों में की गई यह छठी बढ़ोतरी है। गौरतलब है कि मंदी के बाद से फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को निम्नतम स्तर पर बनाए रखा था।