फ्यूल की ऊंची कीमतों से खुदरा महंगाई 4 महीने के टॉप पर

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नई दिल्ली। 4 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचीखुदरा महंगाई ने जहां मोदी सरकार को तगड़ा झटका दिया, वहीं इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) ग्रोथ ने राहत भरी खबर दी। मई में खुदरा महंगाई (सीपीआई) 4.87 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जबकि पिछले महीने यानी अप्रैल में यह आंकड़ा 4.58 फीसदी रहा था।

इस पर सबसे ज्यादा असर फ्यूल की ऊंची कीमतों और रुपए में आई कमजोरी का दिखा। वहीं आईआईपी ग्रोथ अप्रैल में बढ़कर 4.9 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जिसे मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ से खासा सपोर्ट मिला।

RBI के टारगेट से लगातार 7वें महीने ज्यादा रही महंगाई
मई लगातार 7वां महीना है, जब इनफ्लेशन रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 4 फीसदी के मीडियम टर्म टारगेट से से ज्यादा रही है। आरबीआई ने पिछले हफ्ते ही बढ़ती महंगाई का हवाला देते हुए बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दी थी, जो 2014 के बाद पहली बढ़ोत्तरी है।

RBI ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए अपने इनफ्लेशन फोरकास्ट को बढ़ाकर 4.7 फीसदी कर दिया था, जबकि पहले 4.4 फीसदी का अनुमान था।

महंगे हुए खाने-पीने के सामान
सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक फूड बास्केट में कुछ आइटम्स की कीमतों में बढ़ोत्तरी से भी महंगाई पर प्रेशर बढ़ा है।

मई में फूड इनफ्लेशन 3.10 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा 2.8 फीसदी था। कीमतों से जुड़ा डाटा एनएसएसओ की फील्ड ऑपरेशंस डिवीजन द्वारा चुनिंदा शहरों और डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स द्वारा कुछ गांवों से कलेक्ट किया गया था।