नई दिल्ली । देश में लोगों के पास करंसी का स्तर नोटबंदी के बाद से दोगुना से भी ज्यादा हो गया है। इस वक्त लोगों के पास 18.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कैश है। यह नबंबर 2016 में हुई नोटबंदी के बाद के 7.8 लाख करोड़ रुपए के स्तर से दोगुने से ज्यादा है। RBI की तरफ से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
सर्कुलेशन में और भी ज्यादा करंसी
देश में इस वक्त सर्कुलेशन में 19.3 लाख करोड़ रुपए की कुल करंसी है। यह भी नोटबंदी के बाद के स्तर से दोगुने से ज्यादा है। उस वक्त करीब 8.9 लाख रुपए सर्कुलेशन में था। करेंसी के कुल सर्कुलेशन का मतलब है कि बैंक और लोंगों के पास करंसी का स्तर, जबकि लोगों की बीच करंसी होने के मतलब है कि बैंक के पास करंसी को घटाकर की गई गणना।
करंसी क्रंच के कारण कुछ और हैं
हाल ही में देश में कई राज्यों में करंसी क्रंच का सामना करना पड़ा था। इससे इस बात का डर है कि लोगों ने अपने पास कई कारणों से जरूरत से ज्यादा कैश रखा हुआ है, जिससे कृतिम करंसी क्रंच पैदा हुआ। क्योंकि आंकड़ों के अनुसार लोगों के पास और बैंकों के पास नोटबंदी के बाद से दौर से ज्यादा कैश मौजूद था। सरकार ने 8 नबंवर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी। इसके बाद 500 और 1000 के नोट बंद हो गए थे।
99 फीसदी नोट बदले गए
नोटबंदी के बाद लोगोें ने अपनी करीब 99 फीसदी नगदी को नए नोटों से बदल लिया था। RBI के आंकड़ों के अनुसार 30 जून 2017 तक लोगों ने 15.28 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोटों को बदल लिया था। उस वक्त सर्कुलेशन में 15.44 लाख करोड़ रुपए के नोट बाजार में थे। सरकार ने उस दौरान 2000 का नया नोट जारी किया था और 500 का नोट नए स्वरूप में जारी किया गया था। इसके बाद 200 का नोट भी जारी किया गया है।
RBI ने जारी किया डाटा
25 मई 2018 तक के आंंकड़ों के अनुसार लोगाें के पास 18.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश था। इस स्तर एक साल में करीब 31 फीसदी बढ़ा है। कैश का यह स्तर 9 दिसबंर 2016 को 7.8 लाख करोड़ रुपए था।