मिलिए JEE Advanced टॉपर्स से, नियमित पढ़ाई और गलतियों में सुधार जरूरी

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नाम : लय जैन
जेईई- एडवांस्ड रैंक – 9
संस्थान : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
पिता : अनिल कुमार जैन – असिस्टेंट डिवीजनल इंजीनियर, रेलवे
माता : भावना जैन – गृहिणी

सेल्फ स्टडी के साथ-साथ यदि सेल्फ एनालिसिस भी किया जाता रहे और गलतियां में सुधार किया जाता रहे तो हम लगातार बेहतर अच्छे परिणाम की ओर बढ़ते हैं। यह मानना है एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम प्रोग्राम के कोटा निवासी छात्र लय जैन का जिसने जेईई-एडवांस्ड में एआईआर-9 प्राप्त की।

लय ने कहा कि पढ़ाई का शेड्युल निर्धारित रहता है। मैं कोचिंग के बाद छह घंटे रोजाना सेल्फ स्टडी को देता हूं। इसमें पहले होमवर्क करता हूं, इसके बाद रिविजन करता हूं और फिर फिजिक्स, केमेस्ट्री व मैथ्स तीनों विषय बराबर पढ़ता हूं। मुझे फिजिक्स पढ़ना अच्छा लगता है इसीलिए सबसे ज्यादा टाइम फिजिक्स को देता हूं। रिक्रिएशन के लिए टीटी खेलना, गाने सुनना और नॉवल्स पढ़ता हूं। एलन में पिछले दो साल से इतना अच्छा सपोर्ट मिला कि मैं खुद को आगे बढ़ता हुआ पाता हूं। प्रारंभिक शिक्षा कोटा में ही हुई।

चित्रांग है रोल मॉडल
लय ने बताया कि 2014 में आईआईटी टॉपर चित्रांग मूर्दिया को रोल मॉडल मानता हूं। उन्हीं की पढ़ते हुए आगे बढ़ना चाहता हूं। अब आईआईटी मुम्बई से कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई करना चाहता हूं। इसके आगे हालांकि कुछ सोचा नहीं लेकिन रिसर्च में जाने की इच्छा है। दसवीं में 10 सीजीपीए और 12वीं में 94.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

दो ओलम्पियाड में गोल्ड
लय ने बताया कि अब तक कई ओलम्पियाड व अन्य परीक्षाओं में भी बेहतर प्रदर्शन कर चुका हूं। इंटरनेशनल फिजिक्स ओलम्पियाड 2017 में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इसके साथ ही एशियन फिजिक्स ओलम्पियाड-2018 में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। केवीपीवाय-2017 में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। एनटीएसई स्कॉलर हूं। अब इंटरनेशनल फिजिक्स ओलम्पियाड-2018 में देश का प्रतिनिधित्व करूंगा।

सेल्फ असेसमेंट सबसे बड़ी सीख
नाम : नील आर्यन गुप्ता
जेईई-एडवांस्ड रैंक – 10
संस्थान : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
पिता : शंकर गुप्ता – प्रोपर्टी डीलर
माता : रेणु गुप्ता – सीनियर ब्रांच मैनेजर ओरियन्टल इंश्योरेंस

सबसे ज्यादा खुद से ही सीखा जा सकता है, यह मानना है जेईई-एडवांस्ड में एआईआर-00 प्राप्त करने वाले एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम कोचिंग प्रोग्राम के छात्र चंडीगढ़ निवासी नीलआर्यन गुप्ता का। एलन में चार वर्षों से अध्ययनरत नील ने सेल्फ असेसमेंट को सबसे बड़ी सीख मानता है। बातचीत में नील ने बताया कि मैं पूरे साल पढ़ाई में बदलाव करता रहता था। योगा भी किया, मेडिटेशन भी किया, ऑर्ट ऑफ लिविंग भी ज्वाइन किया।

इसके अलावा समय-समय यह भी महसूस किया कि मैं कब अपना बेस्ट दे पा रहा हूं, मुझमे क्या कमियां हैं। कमियों को दूर करने के प्रयास किए और यही कारण है कि मैं यहां इस परिणाम तक पहुंच सका। पढ़ाई के दौरान जेईई-मेन से पहले बीमार भी रहा लेकिन हिम्मत नहीं हारी। जेईई-मेन में एआईआर-182 प्राप्त की। अब आगे आईआईटी मुम्बई से कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई करना चाहता हूं। इससे ज्यादा अभी कुछ सोचा नहीं है। दसवीं में 10सीजीपीए तथा 12वीं में 93.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

रिक्रिएशन के लिए मैथ्स के सवाल हल करता था
नील ने बताया कि पढ़ाई का टाइम तो निर्धारित नहीं था लेकिन 5-6 घंटे की कोचिंग के बाद खाना खाकर पढ़ाई शुरू कर देता था। जब लगता था कि ऊब गया हूं तो रिक्रिएशन के लिए मैथ्स के सवाल हल करना शुरू कर देता था। मेरा पसंदीदा सब्जेक्ट मैथ्स है और मुझे सवाल हल करने में मजा आता है। कोचिंग के साथ-साथ रोजाना करीब 8 से 9 घंटे सेल्फ स्टडी करता था। पहले कुछ देर वीडियोगेम खेलता था लेकिन बाद में वो बंद कर दिया।

मां मेरी रोल मॉडल
मैं अपनी मम्मी को रोल मॉडल मानता हूं। मां रेणु गुप्ता ओरियन्टेशन इंश्योरेंस में सीनियर ब्रांच मैनेजर हैं। मां बहुत मेहनती हैं। खुद के काम के साथ-साथ मेरा भी पूरा ध्यान रखतीं हैं। समय-समय पर मुझे मोटिवेट करती हैं। उनकी मेहनत मुझे बहुत कुछ सीखाती है। पापा शंकर गुप्ता प्रोपर्टी डीलर हैं और वो भी मुझे हर समय मोटिवेट करते हैं। पढ़ाई के दौरान हर रविवार को मम्मी-पापा के साथ समय बिताता था। इस दिन पढ़ाई कुछ कम ही होती थी।

टारगेट पर फोकस रहकर ही आगे बढ़ा
करण अगरवाला
जेईई-एडवांस रैंक – 21
पिता- डॉ. कमल प्रसाद अगरवाला
मां- कबिता अग्रवाला
संस्थान : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट

सफलता प्राप्त करने के लिए हार्डवर्क और योजना बनाकर पढ़ाई करना बहुत जरुरी है। सब कुछ योजनाबद्ध होता है सफलता मिलना तय है। यह कहना है जेईई एडवांस में ऑल इंडिया …… वीं रैंक हासिल करने वाले छात्र करण अगरवाला का।

उड़ीसा के राउरकेला निवासी करण वर्ष 2016 में कोटा आया और उसने एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया। 12वीं कक्षा में 97 फीसदी अंक हासिल करने के बाद जेईई मेन्स 2018 एग्जाम में करण ने ऑल इंडिया 16वीं रैंक हासिल की। इससे पूर्व करण कैमेस्ट्री ओलम्पियाड कैम्प में शामिल हो चुका है। पिता कमल प्रसाद अग्ररवाला पेशे से चिकित्सक, मां कबिता अग्रवाला गृहणी हैं।

रिवीजन बहुत जरुरी
करण ने बताया कि जेईई जैसे एग्जाम में सफलता के लिए जरुरी है कि आपको क्लास में जो पढ़ाया जा रहा है, उसका नियमित रिवीजन करें। फिजिक्स, कैमेस्ट्री व मैथेमेटिक्स, तीनों विषयों को बराबर समय देता था। मैंने हर सब्जेक्ट के टॉपिक्स पर गंभीरता से फोकस किया।

रिक्रिएशन के लिए क्रिकेट देखता था
करण ने बताया कि कई बार मुझे लगता था कि स्टडी से थोड़ा ब्रेक लेना चाहिए। उस समय रिक्रिएशन के लिए मैं क्रिकेट देखता था। कई बार दोस्तों के साथ घूमने और मूवी देखने भी जाता था। करण आईआईटी मुम्बई से सीएस ब्रांच में इंजीनियरिंग करना चाहता है।

ऐसा माहौल कहीं और नहीं
विपुल अग्रवाल
जेईई-एडवांस रैंक -22
पिता- राजेश कुमार अग्रवाल, पीएफ विभाग
मां- इन्द्रा अग्रवाल
संस्थान : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट

जयपुर सेंटर के छात्र विपुल अग्रवाल ने जेईई एडवांस में ….. रैंक हासिल की। विपुल अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों के मार्गदर्शन व एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में पढ़ाई के माहौल को देते हैं। विपुल ने बताया कि यहां जो पढ़ाई का माहौल है, वह कहीं और देखने को नहीं मिलता। यहां हर कोई पढ़ने वाले छात्रों की मदद करने में लगा रहता है। यहां फैकल्टी स्टूडेंट की छोटी-छोटी गलतियों को सुधारने पर भी जोर देते हैं। मैंने जेईई मेन्स एग्जाम के बाद खुद का आंकलन किया और कमजोर टॉपिक्स को दूर किया। विपुल ने जेईई मेन्स में ऑल इंडिया 26वीं रैंक हासिल की। उसने सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि जब तक पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं लेंगे तब तक पढ़ाई में मजा नहीं आएगा। हर विषय को दिल से पढ़ेंगे तो कभी थकान नहीं होगी। पिता राजेश अग्रवाल सरकारी अधिकारी और मां इन्द्रा अग्रवाल गृहणी है।

साइंस ओलम्पियाड में रैंक वन
जयपुर निवासी विपुल ने 12वीं कक्षा में 94.6 फीसदी अंक हासिल किए है। तीन दिन पहले साइंस ओलम्पियाड फाउंडेशन की ओर से आयोजित नेशनल ओलम्पियाड में रैंक वन हासिल की। इसके अलावा केवीपीवाय और एनटीएसई परीक्षाओं में भी विपुल शानदार प्रदर्शन कर चुका है। विपुल ने पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। विपुल ने बताया कि मेरी कम्प्यूटर साइंस में रुचि है और आईआईटी मुम्बई मेरी पहली पसंद है।

क्लास में झिझके नहीं
विपुल ने जेईई 2019 की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए कहा है कि क्लास में टीचर्स की बात को पहले समझें और जानने का प्रयास करें। कुछ समझ न आए तो पूछने में बिल्कुल नहीं झिझकें। क्योंकि झिझक जब तक खत्म नहीं होगी, तब तक सफलता हाथ नहीं लगेगी।

वीकली टेस्ट सिस्टम फॉलो कर बनाया खुद को बेहतर
नवनील सिंघल
जेईई-एडवांस रैंक – 23
संस्थान : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
पिता – रितेश सिंघल, व्यवसायी
मां – अंशु सिंघल, गृहिणी

जेईई-एडवांस्ड में एआईआर-00 लाने वाले दिल्ली निवासी नवनील का मानना है कि एलन के वीकली टेस्ट सिस्टम को फोलो कर खुद को बेहतर बनाया जा सकता है। मैं यहां छह घंटे की कोचिंग क्लास के अलावा करीब 10 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं।

रोजाना क्लास के बाद टॉपिक से जुड़े अपनी कमजोरियों को टीचर्स के साथ बैठकर समझता और उन्हें दूर करता। घर जाने के बाद क्लास में जो पढ़ाया उसे रिवाइज करता और कोचिंग में होने वाले वीकली टेस्ट के लिए खुद को तैयार करता। पिता रितेश सिंघल व्यापारी है। जेईई की तैयारी के दौरान मां अंशु सिंघल भी साथ रहीं। 12वीं में 95.2 प्रतिशत अंक हासिल किए।

ओलम्पियाड में भी सफलता
जेईई एडवांस के अलावा नवनील वर्ष 2017 में आयोजित 11वें इंटरनेशनल ओलम्पियाड ऑन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में सिल्वर मैडल व रशिया में आयोजित मैथ ओलम्पियाड में नवनील ने ब्रोन्ज मैडल हासिल किया। फिजिक्स ओलम्पिया डमें भी नवनील फर्स्ट आया है। नवनील की संगीत में गहरी रुचि है। कई बार खुद को रिलैक्स करने के लिए वो मृदंग व हारमोनियम बजाता है।

कोटा में मिला बेहतरीन माहौल
कोटा वाकई शैक्षणिक नगरी हैख् क्योंकि यहां हजारों-लाखों विद्यार्थियों का कॅरियर बनाया जा रहा है। कोटा में हर तरफ पढ़ाई ही पढ़ाई है, यह एक ऐसा शहर है जो पढ़ाई के लिए बना हुआ है। यहां हर तरफ टीचर्स और स्टूडेंट्स ही दिखते हैं। नेशनल लेवल का माहौल यहां मिलता है। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में मुझे पढ़ाई के लिए अनुकूल माहौल मिला। टीचर्स ने हमेशा सपोर्ट किया। वीकली टेस्ट, ऑनलाइन टेस्ट सीरीज से पढ़ाई में मेरा प्रदर्शन बेहतर होता चला गया।