कोटा में डिजिटल हेल्थकेअर से जुड़ी देश की पहली सरकारी डिस्पेंसरी

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 भीमगंजमंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डिजिटल एप ‘मेडकॉर्ड्स ’ का शुभारंभ। डॉक्टर्स के प्रेस्क्रिप्शन तथा जांच रिपोर्ट मोबाइल पर उपलब्ध होने से रोगियों को मिल सकेगा देश-विदेश के विशेषज्ञों से परामर्श

-अरविंद कोटा

शहर की भीमगंजमंडी सरकारी डिस्पेंसरी में मंगलवार को भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल ने डिजिटल हेल्थकेअर इकोसिस्टम ‘मेडकॉर्ड्स’ एप का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि शहर के दो आईटी ग्रेजुएट्स श्रेयांस मेहता व निखिल बाहेती ने छोटे से स्वास्थ्य केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया की शुरूआत का महत्वाकांक्षी कदम उठाया। 

उन्होंने कहा किइससे  इस क्षेत्र में आसपास के डेढ़ लाख से अधिक मरीजों का रिकॉर्ड एक क्लिक पर मिल जाने से उन्हें आसानी से सुरक्षित इलाज मिलने लगेगा। एक बार डॉक्टर को दिखाने के बाद अगले 10 वर्ष तक उनकी डाटा सुरक्षित रहेगा, जिसे वे खुद मोबाइल से कहीं भी उपयोग कर सकते हैं। इस नवाचार ने दुनिया के 10 शीर्ष नवाचार में शामिल होकर देश एवं राज्य का गौरव बढ़ाया।

महापौर महेश विजय ने कहा कि शहर के दो युवाओं ने ऊँचे पैकेज का लालच छोड़कर जीवटता से अपने शहर के लिए कुछ नया प्रयोग कर दिखाया। इससे डॉक्टर्स को मरीजों को केस हिस्ट्री आसानी से मिल जाएगी। एलन के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने कहा कि मेडकॉर्ड्स से डॉक्टर्स को माइंड, टाइम और एनर्जी में राहत मिलने से मरीजों का डायग्नोसिस समय पर हो सकेगा। 

डॉक्टर्स केपिटल अक्षरों में लिखें दवाएं

सीएमएचओ डॉ.अनिल कौशिक ने कहा कि मोबाइल पर एक कोड से रोगी का सारा पुराना रिकॉर्ड डॉक्टर्स देख सकेंगे। मरीज को जांच रिपोर्ट या पर्चे गुम हो जाने जैसी परेशानियां नहीं आएंगी। उन्होंने सुझाव दिया कि पर्चे पर सभी डॉक्टर्स केपिटल अक्षरों में दवाइयां लिखना प्रारंभ कर दें जो सही दवा का पता चल सकेगा। सरकारी डिस्पेंसरी में पहचान के लिए हर मरीज पर टेग भी हो। सीईओ श्रेयांस मेहता ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर 7816811111 पर रोगी अन्य जानकारी ले सकते हैं।

श्रीराम मंदिर, की जांच लैब भी इस एप से जुड़ेगी

30 जुलाई को श्रीराम मंदिर, स्टेशन की जांच लैब को भी इस एप से डिजिटलाइज किया जाएगा। अस्पताल प्रभारी डॉ. सुभाष मेहता ने सभी का आभार जताया।

श्रेयांस मेहता

कैसे मिला आइडिया

मेडकॉर्ड्स के सीइओ श्रेयांस मेहता तथा निखिल बाहेती ने कहा कि 3 वर्ष पूर्व यहां मरीजां की भीड़ देख यह आइडिया मिला। मित्र सायदा धनावथ व मुदित जैन के साथ निरंतर अनुसंधान कर नया एप बनाया। इस माह अमेरिका के न्यू अरर्लिंयंस में हुई ‘फास्टेस्ट ग्रोइंग टीच कॉन्फ्रेंस’ में दवाओं के प्रेस्क्रिप्शन तथा रिकॉर्ड रखने वाले इस तकनीक को दुनिया के टॉप-10 स्टार्टअप में शामिल किया। यूएसए की क्रिस सागा तथा एंट्री केपिटल जैसी प्रमुख कंपनियों ने इसमें निवेश करने में रूचि दिखाई। वे अगले 5 वर्ष में इसे 5 करोड़ रोगियों तक पहुंचाना चाहते हैं।

डॉक्टर व मरीज दोनों के लिए फायदेमंद

डिजिटल तकनीक से जुडने वाली देश की यह प्रथम सरकारी डिस्पेंसरी है। कल हमनें 5 रोगियों पर इसका परीक्षण किया। रोगी अनिल व किरण के पर्चे व एक्सरे रिपोर्ट को अगले दिन मोबाइल पर देख लिया। पुरानी जांचं रिपोर्ट मिलने से बीमारी का जल्द व सही इलाज होगा। ।

– डॉ. सुधीर उपाध्याय, फिजिशियन, भीमगंजमंडी सीएचसी