कोटा। समता आंदोलन के संभागीय अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि देश में आरक्षण के 70 वर्ष पश्चात् अब ओबीसी वर्ग की तरह एससी व एसटी वर्ग में क्रीमी लेयर सिस्टम लागू कर अत्यंत गरीब को आरक्षण का लाभ दिया जाए।
प्रेस क्लब कोटा में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि हम सम्पूर्ण देश में पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ हैं। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तरप्रदेश, बिहार, हरियाणा व उत्तराखंड में पदोन्नति में आरक्षण को खत्म कर दिया गया, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं किया गया।
राज्य में ‘मिशन-59’ चलाएंगे
उन्होने बताया कि समता आंदोलन की केंद्रीय कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि राज्य के विधानसभा चुनाव में आरक्षित 59 सीटों पर ‘मिशन-59’ के आधार पर प्रत्याशियों को समर्थन दिया जाएगा। इसमें ऐसे प्रत्याशियों को समर्थन देंगे जो केवल गरीब आरक्षित वर्ग की बात करें और राष्ट्रवादी विचारधारा से जुडे़ हों।
आज प्रभावशाली लोगों ने आरक्षण का अपहरण कर लिया है, वे केवल सम्पन्न परिवार ही इसका पूरा लाभ लेना चाहते हैं। गरीब दलित आज भी इससे वंचित है। ऐसे में सभी वर्गों के गरीब वर्ग को आरक्षण लाभ देने का मुद्दा आमचुनाव में प्रमुखता से उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज जूते ठीक करने वाले और सड़क पर झाडू लगाने वाले वाल्मिकी वर्ग का आरक्षण दूसरे सक्षम क्यों छीन रहे हैं। आज कलक्टर, एसपी, डॉक्टर, इंजीनियर के बच्चों को जातिगत आरक्षण देने का औचित्य समझ से परे है।
संभागीय महामंत्री कमल सिंह बड़गुर्जर ने कहा कि 27 मई को समता आंदोलन का 11वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा जिसमें आरक्षण पर खुली चर्चा होगी। जातिगत आरक्षण को समाप्त कराने के लिए सकंल्प प़त्र भरे जाएंगे। समता आंदोलन में इस समय 40 हजार से अधिक सक्रिय सदस्य हैं।
कोटा जिला महामंत्री रासबिहारी पारीक ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट में निर्दोष को सजा न मिले, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक फैसला किया है लेकिन सरकार आदेश जारी करने के बजाय अपील में चली गई।
पत्रकार वार्ता में समता आंदोलन शिक्षक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेंद्र गौतम, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष मेहराजुद्दीन, कोषाध्यक्ष प्रदीप भाटिया, ओबीसी प्रकोष्ठ अध्यक्ष हरिशंकर सैनी, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष कीर्ति बडी सावली, लाडपुरा तहसील अध्यक्ष हरीश बग्गा मौजूद रहे।