नई दिल्ली। इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की लगातार बढ़ती कीमतों के चलते देश में पेट्रोल के दाम पहली बार 85 रुपए के पार पहुंच गए हैं। डीजल भी 72.99 के एेतिहासिक लेवल पर बिक रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुरुवार को पेट्रोल की कीमतें एक दिन पहले के 84.99 रुपए के मुकाबले 30 पैसे बढ़कर 85.29 रुपए के लेवल पर पहुंच गईं। मुंबई में डीजल भी 72.99 रुपए के लेवल पर बिक रहा है। जो इसका अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो पेट्रोल की कीमताोंं में 30 पैसे का इजाफा हुआ और बुधवार के 77.17 के मुकाबले कीमतें 77.47 रुपए के लेवल पर पहुंच गईं। डीजल की बात करें तो यहां भी कीमतों में 19 पैसे का इजाफा हुआ है। इसके चलते बुधवार के 68.34 रुपए के मुकाबले कीमतें 68.53 के लेवल पर पहुंच गईं। रविवार को ही दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों ने सितंबर 2013 के रिकॉर्ड स्तर को पार कर लिया था। डीजल तो काफी पहले ही सारे रिकॉर्ड तोड़ चुका है।
देश के 4 प्रमुख शहरों में पेट्रोल की कीमतें
शहर कीमतें (रुपए में)
दिल्ली 77.47
मुंबई 85.29
कोलकाता 80.12
चेन्नई 80.42देश के 4 प्रमुख शहरों में डीजल की कीमतें
शहर कीमतें (रुपए में)
दिल्ली 68.53
मुंबई 72.96
कोलकाता 71.08
चेन्नई 72.35
ओपेक देश भी प्रोडक्शन कट जारी रखने अब भी सहमत हैं। जियो-पॉलिटिकल टेंशन से भी अभी राहत नहीं है। इन वजहों से क्रूड आने वाले दिनों में 85 से 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। मौजूदा समय में यह 80 डॉलर के आसपास है।
90 रुपए प्रति लीटर पार हो सकता है पेट्रोल
अंतराष्ट्रीय बाजार में क्रूड 81 डॉलर के आसपास बना हुआ है। केडिया कमोडिटीज के अजय केडिया का कहना है कि क्रूड मौजूदा लेवल से आगे कम से कम 7 से 8 फीसदी महंगा हो सकता है। कंसर्न बढ़ा तो 10 फीसदी महंगा हो सकता है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल के भाव 6 रुपए से 8 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं।
अगर पेट्रोल में 6 से 8 रुपए की बढ़ोत्तरी होती है तो मुंबई में इसकी कीमतें 90 रुपए प्रति लीटर के पार जा सकती हैं। मुंबई में अभी पेट्रोल 85.29 रुपए प्रति लीटर है। वहीं, दिल्ली में पेट्रोल 80 रुपए प्रति लीटर पार कर जाएगा। दिल्ली में अभी पेट्रोल की कीमत 77.47 रुपए प्रति लीटर है। हालांकि इस बात की गुंजाइश कम है। सरकार ने इस बात का इशारा किया है कि वह पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी कम कर सकती है।
नजरें सरकार की ओर
फिलहाल अंतराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में कमी के आसार नजर नहीं आने के चलते अब नजरें सरकार पर टिकी हैं। अगर सरकार पेट्रोल डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कमी करती है तो आम लोगों को बढ़ती कीमतों से राहत मिल सकती है। इससे पहले सरकार ने 2 महीने पहले कीमतों पर काबू करने के लिए सरकार एक बार ऐसा कर चुकी है। साथ ही राज्य वैट कम करके भी लोगों को राहत दे सकती हैं।
कंपनियां क्यों तेजी से बढ़ा रही हैं दाम ?
असल में तेल कंपनियों ने कर्नाटक चुनाव के लिए मतदान होने से पहले करीब तीन हफ्ते से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को स्थिर रखा था। 12 मई को कर्नाटक में मतदान हुआ। उसके बाद 14 मई को तेल कंपनियों ने फिर से कीमतों की रोज समीक्षा शुरू कर दी।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 19 दिन तक बदलाव नहीं करने से तेल कंपनियों को करीब 500 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। क्योंकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने से उनकी लागत में इजाफा हुआ। ऐसे में कर्नाटक चुनाव के पहले वाले मार्जिन पर जाने के लिए तेल कंपनियां तेजी से दाम बढ़ा सकती हैं।
आगे भी बढ़ सकती है कीमतें
माना हा रहा है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में आगे भी तेजी जारी रहेगी। इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतों पर नजर डालें तो इसमें तेजी लगातार बरकरार है। अमेरिका की ओर से ईरान पर लगे ताजा प्रतिबंध और प्रोडक्शन में कटौती इसके दो प्रमुख कारण है।