नई दिल्ली। अगर किसी कंपनी या इस्टैबलिशमेंट में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की सैलरी असामान्य तौर पर बेहद कम है तो सरकार इस बात की जांच कराएगी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एम्पलॉयर्स द्वारा वर्कर्स के प्रॉविडेंट फंड में कंट्रीब्यूशन फुल वर्किंग पीरियड पर सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला किया है।
ईपीएफओ इसके लिए हर इस्टैबलिशमेंट की वेज एनालिसिस रिपोर्ट तैयार कराएगा। ईपीएफओ इस रिपोर्ट के आधार पर ऐसी कंपनियों या इस्टैलशिमेंट में जांच कराएगा जहां कर्मचारियों की सैलरी बहुत कम है या बड़ी संख्या में कर्मचारियों के नाम के आगे जीरो वेज दिखेगा।
ईपीएफओ ने क्यों लिया यह फैसला
ईपीएफओ की रीजनल पीएफ कमिश्नर- 1 कम्प्लायंस अपराजिता जग्गी ने सभी एडिशनल पीएफ कमिश्नर्स और रीजनल पीएफ कमिश्नर्स को एक सर्कुलर जारी किया गया है।
सर्कुलर में कहा गया है कि यह जरूरी है कि एम्पलॉयर्स के इलेक्ट्रॉनिक चालान कम रिटर्न यानी ईसीआर में नॉन कंट्रीब्यूटरी पीरियड को सही तरीके से दिखाया जाए जिससे कि नॉन कंट्रीब्यूटरी पीरियड कंट्रीब्यूटरी पीरियड में न गिना जाए। इसके अलावा यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि एम्पलॉयर्स खास कर कांट्रैक्टर्स कर्मचारी के प्रॉविडेंट फंड में फुंल वर्किंग पीरियड पर कंट्रीब्यूट करें न कि बहुत कम सैलरी पर।
ईपीएफओ तैयार करेगा वेज एनालिसिस रिपोर्ट
सर्कुलर में कहा गया है कि इसकी निगरानी के लिए सीएआईयू डैशबोर्ड में वेज एनालिसिस रिपोर्ट मुहैया कराई जाएगी। इससे जोन स्तर पर रीजनल स्तर पर ईपीएफओ अधिकारी अपने क्षेत्र की वेज एनालिसिस रिपोर्ट देख सकेंगे और इसके आधार पर जरूरी कदम उठा सकेंगे।
वेज एनालिसिस रिपोर्ट में हर एक कंपनी या इस्टैबलिशमेंट और मेंबर्स की एक खास वेज स्लैब में डिटेल होगी। इसके आधार पर उन मेंबर्स की डिटेल को वेरीफाई किया जाएगा जहां जीरो वेज होगा। इसके बाद अगले वेज स्लैब की वेरीफिकेशन होगी।
बहुत कम सैलरी वाली कंपनियों की होगी जांच
सर्कुलर में कहा गया है कि ऐसे इस्टैबलिशमेंट जहां पर बड़ी संख्या में कर्मचारियों को जीरो वेज में दिखाया जाएगा या जिनकी सैलरी असामान्य तौर पर बहुत कम होगी, का इंस्पेक्शन किया जा सकता है।
इंस्पेक्शन में यह पाया जाता है कि कर्मचारियों के पीएफ में सैलरी को कम दिखा कर कम पीएफ कंट्रीब्यूशन किया गया है या पीएफ कंट्रीब्यूशन नहीं किया गया है तो इसका आकलन करने के बाद जल्द से जल्द रिकवर किया जाए।