कोटा। एक दिन पहले शुरू हुई बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहुसन की खरीद दूसरे दिन ही लड़खड़ा गई। आदेश के 13 दिन बाद शुरू हुई योजना का शुक्रवार को दम टूट गया। वहीं, किसानों को डेढ़ रुपए किलो में लहसुन बेचना पड़ा। इससे किसानों में आक्रोश है।
उनका कहना है कि सरकार ने एक दिन पहले बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत 145 क्विंटल लहसुन खरीदा। दूसरे दिन एक गांठ लहसुन की भी खरीद नहीं हुई।
किसानों को घाटा:बाजार हस्तक्षेप योजना में सरकार 25 एमएम का लहसुन 3257 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीद रही है। निर्धारित क्वॉलिटी से एक क्विंटल में 30 फीसदी ही सरकारी कांटे पर बिकेगी। 70 फीसदी उससे नीचे बिकने वाले हंै। 30 फीसदी लहसुन 3257 के भाव से 9771 रुपए का होता है।
70 फीसदी लहसुन औसत बाजार भाव 6 रुपए के हिसाब से 4200 रुपए का होता है। ऐसे में एक क्विंटल लहसुन 13971 रुपए का हो रहा है। जबकि इस लहसुन को घर की जमीन में पैदा करने में 18720 रुपए का खर्चा हुआ है। किराए की जमीन वाले किसान के 28420 रुपए खर्च हुए है।
ऐसे में घर की जमीनें वाले किसान को 4749 व किराए की जमीन वाले किसान को 14449 रुपए का नुकसान हो रहा है।मंडी में लहुसन तीन कैटेगरी में बिक रहा है। 1.50 रुपए से 6 रुपए, 6 रुपए से 14 रुपए व 14 से 20 रुपए के औसत भाव से बिक रहा है।
नाराज किसानों ने लगाया जाम :मंडी में लहसुन खरीद को लेकर शुक्रवार को राजफेड का ना काटा लगा ना ही कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा। सुबह से शाम तक लहसुन की खरीद नहीं हुई। इससे नाराज किसानों ने मंडी का गेट 1 नंबर बंद किया। उन्होंने दोनों लेन पर आड़े तिरछे ट्रैक्टर खड़े कर दिए। पुलिसकर्मियों ने समझाइश कर रास्ते से ट्रैक्टर हटाए।
सरकारी कांटे पर 20 से ज्यादा ट्रॉलियों में लहसुन लेकर किसान गुरुवार रात को आए गए थे। लेकिन खरीद शुरु नहीं होने पर मंडी कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष देवा भड़क ने मौके पर पहुंचकर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। वहीं, किसान चेतराम के 19 कट्टे तौलने के बाद भी वापस कर दिए।
सीएम तक पहुंची बात:सीएम ने लहसुन के कांटे नहीं लगने के मामले की जानकारी मिलने पर प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार को कांटों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा। फाटाहेडा़ चार चोमा में नहर की मांग पर उन्होंने कलेक्टर को इसकी रिपोर्ट बनाकर देने के आदेश दिए। विधायक राजावत ने उन्हें बताया कि कलेक्टर के बोल्ड डिसीजन से नॉर्दर्न बाईपास का काम शुरू हो गया।
आज होगी खरीद: नागर
विधायक हीरालाल नागर ने कहा कि सीएम दौरे के दौरान किसानों से लहसुन नापास करने की सूचना मिली। सांसद बिरला व मैंने सीएम राजे को बताया। राजे ने चीफ सेक्रेट्री व सहकारिता विभाग के प्रिसिंपल सेक्रेट्री को क्वालिटी में शिथिलता बरते हुए लहसुन खरीद के निर्देश दिए। कलेक्टर ने लाडपुरा एसडीएम को मंडी में भेजा।
रात 8 बजे लहसुन खरीद चालू करवाई। हम्मालों ने रात 10 बजे काम बंद करने पर किसानों खरीद अगले दिन करने को कहा। वहीं इधर लटूरी गांव के युवा किसान बंटी नागर का कहना है कि लहसुन खरीद रात में शुरू नहीं हुई। रात 8 बजे 15 के किसानों का लहसुन पास कर दिया अब खरीद चालू होगी।
पिछले साल भी फेल रही थी खरीद : वर्ष 2017 में राजफेड को 1 लाख क्विंटल लहसुन खरीदना था। लेकिन 3200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 22 एमएम क्वालिटी का राजफेड 649 क्विंटल ही लहसुन खरीद पाया था।
भुगतान अटका :समर्थनमूल्य खरीद में भी किसान परेशान है। 150 गेहूं उत्पादक किसानों के दो करोड़ और 600 चना उत्पादक किसानों के सात करोड़ रुपए अटके पड़े है। वहीं राजफेड में वर्किंग स्टाफ के 60 फीसदी पद रिक्त है।
10 कट्टे लहसुन बिके 675 रुपए में:किशनपुरा तकिया गांव से जगदीश धाकड़ ने कहा वह 10 कट्टा लहसुन लेकर आया था। प्रति कट्टे में 45-45 किलो लहसुन था। किसान का लहसुन डेढ़ रुपए किलो के हिसाब से 675 रुपए में बिका।