कोटा। मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के क्षेत्र में पहचान स्थापित करने के बाद अब चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च स्तरीय सेवाओं के लिए भी कोटा शहर जाना जाएगा। यहां बेहतर चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से भारत विकास परिषद सेवा संस्थान की ओर से कोटा में भारत विकास आयुर्विज्ञान संस्थान एवं कैंसर चिकित्सालय का भूमिपूजन शुक्रवार को हुआ।
कोटा यूनिवर्सिटी के पीछे बारां-चित्तौड़ फोरलेन के नजदीक स्थित भूमि पर झालरिया पीठ डीडवाना के पीठाधीश्वर स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज के सान्निध्य में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा सरकार्यवाह सुरेश (भैया) जोशी ने भूमिपूजन किया।
इस अवसर पर भारत विकास परिषद के पदाधिकारी एवं एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक भी मौजूद रहे। समारोह में भामाशाहों का सम्मान किया गया। भवन निर्माण में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा 1008 लाख (10 करोड़ 8 लाख) की मदद दी गई।
सपने देखने हैं तो बड़े देखो
भूमिपूजन समारोह में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सपने देखने हैं तो बड़े देखो और उन्हें पूरे करने के लिए मेहनत भी उतनी ही बड़ी करो। कोटा में इस अस्पताल की नींव के साथ ही दो सुपरस्पेशलिटी भवन से शुरू हो जाएंगी। एक राजकीय क्षेत्र में और भारत विकास परिषद के अस्पताल में।
कोटा और राजस्थान के लोगों का दिल बहुत बड़ा है। काम शुरू हो गया है तो ईश्वर और जनता का आशीर्वाद भी मिलेगा। इस अस्पताल का फायदा सिर्फ हाड़ौती ही नहीं वरन मध्यप्रदेश के लोगों को भी होगा।
कोटा-दरा रोड इस वर्ष के अंत तक ठीक होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घोषणा के साथ ही एक और खुशखबरी यह भी है कि एमसीआई ने प्रदेश के डूंगरपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर, पाली, चुरू के मेडिकल कॉलेजों को अनुमति दे दी है। कोटा-दरा रोड इस वर्ष के अंत तक पूरी तरह से ठीक हो जाएगा। कोटा में पिछले साढ़े चार साल में 10 हजार करोड़ का काम हुआ है और अगले छह महीने में यह राशि 12 हजार करोड़ हो जाएगी।
मनुष्य वही है जो मनुष्य के काम आए
कार्यक्रम में झालरिया पीठ डीडवाना के पीठाधीश्वर स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज ने कहा कि भारत ही नहीं पूरा विश्व बीमारियों से मुक्त होना चाहिए। धन की कमी नहीं है, शुरूआत करने की देर है। यह प्रकल्प शुरू हुआ है और बहुत जल्द पूरा होगा। याद रखें, मनुष्य वही है जो मनुष्य के काम आए।
सरकार्यवाह सुरेश जोशी ने कहा कि बीज लग गया है, अब यह पौधा और पेड़ बनेगा। समाज की सेवा व आवश्यकता को समझकर काम किया जा रहा है। भारत विकास परिषद की यह भावना रही है कि हम जो भी दे रहे हैं वो कम है। भारत का भाग्य है कि ऐसी हजारों संस्थाएं शासन के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
कार्यक्रम में भारत विकास आयुर्विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष श्याम शर्मा ने प्रोजेक्ट की जानकारी दी। उन्होंने भामाशाहों को मंच पर बुलाया, जिन्हें अतिथियों ने सम्मान पत्र देकर पुरस्कृत किया। इनमें मुख्यरूप से 10 करोड़ 8 लाख की सहायता देने पर एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट परिवार से मातुश्री श्रीमती कृष्णादेवी माहेश्वरी, गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी व बृजेश माहेश्वरी रहे।
इसके अलावा दिनेश नन्दवाना 1.25 करोड़, हरवंशलाल सेठी को 51 लाख, मोहम्मद मियां को 31 लाख का सहयोग देने पर सम्मान किया। इसके साथ ही महेश आशा जैन, कैलाशचंद माणकचंद सर्राफ, राधेश्याम गुप्ता, निशा निदासरिया, दिग्विजय शुक्ला, राजेन्द्र शर्मा, मुकुट नागर को भामाशाह के रूप में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी ने ‘मैं नहीं मेरा नहीं, ये तन किसी का है दिया, जो भी अपने पास है वो सबकुछ किसी का है दिया…..‘ गीत प्रस्तुत किया।
तीन चरणों में पूरा होगा 400 करोड़ का प्रोजेक्ट
भारत विकास आयुर्विज्ञान व कैंसर चिकित्सालय का निर्माण तीन चरणों में होना प्रस्तावित है। जिसमें करीब 400 करोड़ रुपए की लागत आएगी। 140 करोड़ की लागत से चिकित्सा उपकरण लगाए जाएंगे। इस संस्थान का निर्माण सात लाख वर्ग फीट क्षेत्र में होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 500 बैड के मल्टी स्पेशियलिटी चिकित्सालय का निर्माण भी प्रस्तावित है।