केसर की खेती से महकी हाड़ौती, विदेशों तक में भारी डिमांड

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कोटा। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर राज्य में कुछ न कुछ खासियत है, जो उस राज्य की पहचान बनी हुई है। कश्मीर को केसर की खेती के नाम से जाना जाता है। लेकिन हाड़ौती में भी केसर की महक बिखरने लगी है।

कोटा जिले के कोथला गांव के किसान हेमराज मीणा ने संतरा के बगीचे के बीच 15×35 एरिया में केसर की खेती की है। पौधों के फूलों के रेशों से पौने 4 किलो केसर निकली है। हेमराज के बेटे इंजीनियर आशाराम मीणा ने बताया कि केसर की खेती मुख्य तौर पर कश्मीर में होती है।

वहां हर साल करीब तीन हजार किलो केसर उगाया जाता है। शुद्ध केसर करीब डेढ़ से ढाई लाख रुपए प्रति किलो तक की दर से बाजार में बिकता है। ऐसे में सोने के दाम जैसी है केसर की कीमत है। केसर महंगी होने से इसके खरीदार भी कम ही मिलते हैं। इसका मूल स्थान दक्षिण यूरोप है।

इसकी खेती स्पेन, इटली, ग्रीस, तुर्किस्तान, ईरान, चीन तथा भारत में होती है। हालांकि वह लोग केसर का मार्केट इंटरनेट के माध्यम से तलाश कर रहे हैं। आशाराम ने बताया कि वर्ष 2016 में एक परिचित केसर के 5 बीज खरीदे। एक बीज 120 रुपए में लिया। परिचित यह बीज कश्मीर से लाया था।

इनको रोपने के बाद 200 ग्राम केसर और 800 से 900 ग्राम बीज मिले। इसके बाद सरसों की बुवाई के समय वर्ष 2017 में संतरे के बगीचे के बीच 15×35 फीट की मेड़ बनाई। 8 से 10 इंच की दूरी पर एक-एक बीज रोपा। 10 दिन बाद सिंचाई की। किसान हेमराज ने बताया कि केसर की पौध में करीब 6 बार सिंचाई की।

नमी खत्म नहीं होने दी। फरवरी में फूल खिले। फरवरी के अंत में फूलों के साथ रेशे के रूप में आए रेशे को एक-एक करके चुना। ऐसे में करीब पौने चार किलो के करीब केसर निकला और करीब 12 से 15 किलो बीज निकले। बीज भी काफी कीमती हैं।

किसान ने बताया केसर व बीज की कीमत सुनकर आसपास के किसान भी केसर की खेती करने का मानस बना रहे है। केसर की पैदावार ऊंचाई वाले स्थान में होती है। पानी का भराव नहीं होना चाहिए। फसल के दौरान दिन का तापमान 20 से 30 डिग्री से अधिक न हो। इसके जामुनी रंग के फूलों के बीच के लाल रंग के रेशे केसर के रूप में मिलते हैं। जिसे शाही केसर के नाम से जाना जाता है। एक फूल से तीन से लेकर सात रेशे मिलते हैं।

केसर के फायदे
केसर भोजन या दूध में लेने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। केसर न केवल चेहरे से दाग धब्बे हटा कर चेहरे को चमकदार बनाता है बल्कि यह आयुर्वेदिक तेल में भी प्रयोग किया जाता है। चेहरे के दाग हटाने के लिए पानी और केसर को मिक्स कर के चेहरे पर लगाएं। गर्भावस्था में महिला केसर का दूध पिए तो उसका बच्चा गोरा पैदा होता है।