मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का शुरुआती किराया हो सकता है 250 रु.

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    नई दिल्ली/पटना।. प्रस्तावित मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का किराया 250 रुपए से 3 हजार रुपए के बीच हो सकता है। हालांकि यह किराया मौजूदा वक्त के हिसाब से की गई कैलकुलेशन के आधार पर अनुमानित है। यह जानकारी देते हुए इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि इसका निर्माण कार्य इस साल दिसंबर से शुरू हो जाएगा और लगभग 5 साल यानी 2023 तक इसके ऑपरेशन होने की उम्मीद है।

    बिजनेस क्लास के लिए ज्यादा होगा किराया
    नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन (एनएचआरसी) के चेयरमैन अचल खरे ने रिपोर्टर्स को बताया कि बुलेट ट्रेन में आम नागरिकों के लिए किराया बिल्कुल सामान्य रखा जाएगा, लेकिन बिजनेस क्लास में इसके लिए ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं।

    हालांकि, अगर फ्लाइट के मुकाबले बात की जाए तो किराए के लिहाज से बुलेट ट्रेन यात्रियों के लिए फायदे वाला सौदा रहेगा। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि अगर फ्लाइट के टाइम में एयरपोर्ट तक जाने का समय, बोर्डिंग पास और सिक्युरिटी चेक का समय भी जोड़ दिया जाए तो बुलेट ट्रेन यात्रियों का काफी समय भी बचाएगी।

    2023 तक चलने लगेगी बुलेट ट्रेन
    वहीं पटना में एक कार्यक्रम के दौरान रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन 2023 तक पूरी तरह ऑपरेशन हो जाएगी। हालांकि उन्होंने कहा कि 500 किमी लंबे रूट के कुछ सेक्शन 2022 से ही ऑपरेशनल हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर प्लान के अनुरूप ही काम चल रहा है।

    जमीन अधिग्रहण पूरा होते ही शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य
    एनएचआरसी चीफ खरे ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद प्रोजेक्ट शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि मंत्रालय योजना के लिए 10 हजार हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करेगा, इसमें 10 हजार करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है।

    खरे ने कहा, “महाराष्ट्र सरकार पहले ही जमीन अधिग्रहण के लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है। इसके तहत जिन लोगों से भी प्रोजेक्ट के लिए जमीन ली जाएगी, उन्हें राज्य सरकार की तरफ से निर्धारित सर्किल रेट से 25% ज्यादा कीमत अदा की जाएगी।”

    40 से 50 हजार लोगों को मिलेंगी नौकरियां
    खरे के मुताबिक, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 3 से 4 हजार लोगों की सीधे तौर पर बोर्ड की तरफ से भर्ती किया जाएगा। इसके अलावा करीब 30 से 40 हजार लोगों को निर्माण के दौरान प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा।