बूंदी। जिले के एक किसान को 18 दिन के इंतजार के बाद चने का उचित समर्थन मूल्य नहीं मिला। इससे परेशान होकर सोमवार को वह कलेक्ट्रेट पहुंचा और परिसर में चने का ढेर लगाकर रोने लगा। इतना ही नहीं उसने परिसर में ही अपना मुंडन भी करवा लिया। इसके बाद वह एडीएम नरेश मालव से मिला और अपनी पीड़ा बताई।
उस पर एडीएम ने आश्वस्त किया है कि मंगलवार को चना खरीद लिया जाएगा। किसान ने बताया कि वह 22 मार्च को लोईचा गांव से 30 क्विंटल चना लेकर बूंदी खरीद केंद्र गया था। 18 दिन तक इंतजार करने के बाद भी उसे समर्थन मूल्य नहीं मिला।
किसान बाबूलाल मालव साइंस ग्रेजुएट है। नियमों और चने के रंग की घालमेल चलते 22 मार्च से ही कई जगह चना खरीद केंद्र बंद कर दिए गए हैं जिनमें बूंदी के भी तीन केंद्र शामिल हैं।
बाबूलाल का कहना है कि वह अपना चना मंडी में बेचता है तो वहां कम भावों के चलते उसे 30-35 हजार कम मिलेंगे। मंडी में अभी 3000 से 3200 के भाव चल रहे हैं, जबकि समर्थन मूल्य पर 4400 रुपए के भाव हैं।