पेइचिंग। चीन ने बुधवार को जवाबी कार्रवाई करते हुए 50 अरब डॉलर मूल्य के 106 अमेरिकी उत्पादों के आयात पर 25% शुल्क लगाने का फैसला किया। इन उत्पादों में विमान और कार शामिल हैं। अमेरिका और चीन के बीच एक दूसरे के खिलाफ शुल्क लगाये जाने को दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में ट्रेड वॉर के तौर पर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि मंगलवार को ट्रंप प्रशासन ने करीब 1,300 चीनी उत्पादों की सूची जारी की जिस पर शुल्क लगाया जा सकता है। अमेरिका ने चीन से 50 अरब डॉलर की इन वस्तुओं के आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। चीन के वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि स्टेट काउंसिल के चीनी कस्टम टैरिफ कमीशन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 50 अरब डॉलर मूल्य की आयातित 106 जिंसों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है।
इसमें कहा गया है कि क्रियान्वयन की तारीख इस बात पर निर्भर करेगी कि अमेरिकी सरकार कब चीनी उत्पादों पर शुल्क लगाती है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने आज कहा, ‘चीन के कड़े विरोध को दरकिनार करते हुए अमेरिका ने शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। यह पूरी तरह बेमतलब, एकतरफा और संरक्षणवादी गतिविधियां हैं। चीन पुरजोर तरीके से इसकी निंदा और विरोध करता है।’
बयान के अनुसार यह कदम चीन, अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था के हित के खिलाफ है साथ ही विश्व व्यापार संगठन के मूल सिद्धांतों तथा भावना के खिलाफ है। अमेरिकी की 50 अरब डालर मूल्य की चीनी वस्तुओं पर शुल्क लगाने की योजना है। उसने सॉफ्टवेयर, पेटेंट और अन्य प्रौद्योगिकी समेत व्यापार गोपनीयता कथित रूप से चुराने को लेकर चीन को दंडित करने के इरादे से यह कदम उठाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप चीन से 375 अरब डॉलर के व्यापार घाटे में करीब एक महीने में 100 अरब डॉलर की कमी लाने की मांग कर रहे हैं। अमेरिका के इस कदम को दुनिया के दो देशों के बीच व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ने के तौर पर देखा जा रहा है।