भ्रष्ट नौकरशाहों पर आधार से नकेल कसेगा सतर्कता आयोग

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नई दिल्ली । केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अब भ्रष्टाचार में लिप्त नौकरशाहों पर नकेल कसने के लिए आधार का सहारा लेगा। विजिलेंस कमिश्नर केवी चौधरी ने रविवार को कहा कि अब ज्यादातर फाइनेंशियल और प्राॅपर्टी के लेनदेन में आधार का इस्तेमाल जरूरी हो चुका है। ऐसे में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और उसमें शामिल अफसरों को पकड़ने में आधार की भूमिका अहम होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक सॉफ्टवेयर भी बनाने की योजना है।

1) आधार के जरिए आसान होगा भ्रष्टाचार पकड़ना
– केवी चौधरी के मुताबिक, “भ्रष्टाचार के खिलाफ संस्था ने योजना तैयार कर ली है। हमारी सोच एक ऐसी प्रकिया या मुमकिन हो तो ऐसा सॉफ्टवेयर लाने पर है। जिससे अगर किसी अफसर के खिलाफ जांच की तैयारी करें तो आधार के जरिए हमें दूसरे डिपार्टमेंट्स से भी आसानी से जानकारी मिल जाए।”
– उन्होंने बताया कि फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (प्रॉपर्टी और शेयर्स भी शामिल) से जुड़ी ज्यादातर जानकारी आयकर अफसरों, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट और अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के पास मौजूद है। ट्रांजैक्शन के आधार से जुड़ने पर सीवीसी को केंद्रीय एजेंसियों से भ्रष्टाचार की जानकारी लेने में परेशानी नहीं होगी।
2) डेटा मौजूद है तो उसका लाभ उठाना जरूरी
– सीवीसी ने बताया कि अब तक भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों का डेटा सीबीआई और बाकी जांच एजेंसियों को आसानी से नहीं मिल पाता था। हालांकि, अब डेटा आसानी से उपलब्ध है तो इस बहुमूल्य जानकारी का फायदा उठाना जरूरी है। आयोग को नौकरशाहों के खर्चे और निवेशों के बारे में ज्यादा और साफ जानकारी मिल सकेगी।
3) भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को साकार करना है
– चौधरी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत और कालेधन के खिलाफ लड़ाई के सपने को साकार करने के लिए भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सख्त कदम उठाने की बात कही है।
– सीवीसी कमिश्नर ने पीएनबी घोटाले का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी गुनाह को छिपाने और जांच में टेक्नोलॉजी कैसे इस्तेमाल की जा सकती है, इसका सबक बैंक स्कैम से सीखा जा सकता है।