नई दिल्ली। नया वित्त वर्ष 2018-19 शुरू हो गया है। इसके साथ ही देश में इनकम टैक्स, जीएसटी, मोटर बीमा, बैंकिंग समेत तमाम चीजों के लिए कई नियम बदल गए हैं। बदले हुए नियमों के चलते एक ओर नागरिकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में आसानी, कुछ चीजें सस्ती हो जाने से राहत, कार और बाइक के लिए मोटर बीमा प्रीमियम घटने आदि जैसे कई तरह के फायदे मिलेंगे तो दूसरी ओर कई चीजों के महंगे हो जाने की मार भी झेलनी होगी।
लागू हो जाएंगे SBI द्वारा किए गए बदलाव
देश के सबसे बड़े बैंक SBI द्वारा कुछ बदले हुए नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। इनमें सेविंग्स अकाउंट में मंथली एवरेज बैलेंस (MAB) मेंटेन नहीं करने पर कम 75 फीसदी कम पेनल्टी, विलय हो चुके 6 सहयोगी बैंकों के चेक न चलना और इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सीरीज की बिक्री शामिल है। यह बिक्री 2 अप्रैल से 10 अप्रैल के बीच बैंक की 11 शाखाओं में की जाएगी। इन्हें जारी करने वाली बैंक की शाखाओं में ही कैश भी कराया जा सकेगा।
वहीं दूसरी ओर पोस्ट ऑफिस का पेमेंट्स बैंक भी अप्रैल से शुरू हो जाएगा। इससे आपको पोस्ट ऑफिस के जरिए बैंकों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इनमें 1 लाख रु. तक का सेविंग्स अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट पर 5.5 फीसदी ब्याज, डिजिटल पेमेंट, डॉमेस्टिक रेमिेटेंस ऑफरिंग के जरिए फंड ट्रान्सफर, करंट अकाउंट और फाइनेंशियल सर्विस, इंश्योरेंस, म्युच्युल फंड, पेंशन, क्रेडिट प्रॉडक्ट्स, फॉरेक्स, डोरस्टेप बैंकिंग, सब्सिडी के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर की सुविधा आदि शामिल हैं। साथ ही कुछ बैंकों जैसे RBL ने 1 अप्रैल से सेविंग्स अकाउंट के लिए अपनी नई ब्याज दरें भी लागू करने का फैसला किया है।
ऑटो सेगमेंट
बजट 2018-19 में कस्टम ड्यूटी में किए गए इजाफे के चलते कई कंपनियां 1 अप्रैल से अपनी कारों के दाम बढ़ाने वाली हैं। इनमें टाटा मोटर्स, निसान, ऑडी शामिल हैं। टाटा ने वाहनों के दाम में 60,000 रुपए तक, निसान ने 2 फीसदी तक और ऑडी ने 4 फीसदी तक का इजाफा किया है।
GST
GST के तहत देशभर में ई-वे बिल 1 अप्रैल से लागू होने वाला है। सरकार ने ई-वे बिल सिस्टम आसानी से चले इसके लिए दस नए क्लैरिफिकेशन कारोबारियों के लिए जारी किए हैं।
इनकम टैक्स
1 अप्रैल से इनकम टैक्स के कई नियम भी बदलने वाले हैं। इससे सबसे ज्यादा फायदा सैलरीड क्लास और सीनियर सिटीजंस को होगा। ये बदलाव इस तरह हैं-
– सैलरीड क्लास के लिए अब 40,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान लागू होगा। यानी जितनी सैलरी पर टैक्स बनेगा, उसमें से 40 हजार घटाकर टैक्स देना होगा। इसका 2.5 करोड़ सैलरीड और पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। इसके चलते अब मौजूदा 19,200 रुपए के ट्रान्सपोर्ट अलाउंस और 15,000 करोड़ रुपए के मेडिकल रिंबर्समेंट खत्म हो जाएंगे।
– इनकम टैक्स पर लगने वाला एजुकेशन एंड हेल्थ सेस 3 फीसदी से बढ़ कर 4 फीसदी हो जाएगा।
– इक्विटी में निवेश से 1 लाख रुपए से अधिक कमाई पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, साथ ही 4 फीसदी सेस भी देना होगा।
– अब नॉन सैलरी क्लास को भी NPS निकासी पर कुल फंड की 40 फीसदी राशि पर टैक्स नहीं देना होगा।
– सिंगल प्रीमियम बीमा पर ज्यादा टैक्स छूट मिलेगी।
– सीनियर सिटीजन्स को अब 1 साल में 50,000 रु. तक की इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स छूट मिलेगी।
– वय वंदना योजना में निवेश की सीमा 7.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है। साथ ही यह योजना अब 2020 तक जारी रहेगी। इसमें इंटरेस्ट रेट 8 फीसदी है।
– सीनियर सिटीजन अगर चुनिंदा बीमारियों के इलाज पर एक साल में 1 लाख रुपए तक खर्च करता है तो उसे इस खर्च पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
– सीनियर सिटीजंस को अब एक साल में हेल्थ इन्श्योरेंस प्रीमियम के तौर पर 50,000 रुपए का पेमेंट करने पर उस पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि 60 साल से कम उम्र वाले लोगों के लिएयह सीमा 25,000 रुपए ही रहेगी।
– 25 करोड़ रुपए तक सालाना टर्नओवर वाले नॉन-टेक स्टार्टअप्स भी सात साल में से लगातार तीन साल टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। यह छूट 2016 से 2021 के बीच शुरू होने वाले स्टार्टअप्स के लिए है। इसके अलावा, 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनी के लिए टैक्स रेट घटकर 25 फीसदी हो गया है।