नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के अलावा अब ‘चेहरे की पहचान’ को भी 1 जुलाई, 2018 से शामिल करने को तैयार है। 12 अंकों वाला विशिष्ट पहचान पत्र जारी करने वाली एजेंसी UIDAI ने जनवरी में यह घोषणा की थी कि वह फेस ऑथेंटिकेशन फीचर को भी शामिल करेगी। इस फीचर से उन लोगों को फायदा होगा जिनके फींगरप्रिंट या आंख को स्कैन करने में दिक्कतें आ रहीं थीं।
UIDAI ने बताया कि चेहरे की पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक के साथ होगा। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के सामने दी गई एक प्रेजेंटेशन में UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा था कि आधार डेटा लीक करने के लिए दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर को भी अनगिनत साल लग जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा संबंधी जानकारी देते हुए ही उन्होंने बताया था कि फेस ऑथेंटिकेशन 1 जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा।
‘1 बिलियन’ नाम की प्रेजेंटेशन सुप्रीम कोर्ट को देते हुए UIDAI के सीईओ ने कहा था, ‘चेहरे की पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक फीचर के साथ 1 जुलाई से शुरू हो जाएगा।’ उन्होंने बताया था कि अभी तक 1,696.38 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन और 464.85 करोड़ ई-केवाईसी ट्रांजैक्शंस अभी तक हो चुके हैं।
UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने अपनी प्रेजेंटेशन सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक बेंच के सामने गुरुवार को शुरू की थी जिसे 27 मार्च को वह आगे बढ़ाएंगे। सुप्रीम कोर्ट की यह बेंच आधार की संवैधानिक वैधता को लेकर दायर की गई कई याचिकाओं की सुनवाई के लिए गठित की गई है।