मुंबई। एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने पीएनबी फ्रॉड के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मुंबई स्थित घर पर छापेमारी की। जांच एजेंसियों ने यहां से 10 करोड़ रुपए कीमत की हीरे की अंगूठी, एमएफ हुसैन की पेंटिंग समेत 26 करोड़ का सामान जब्त किया। बता दें कि 12,672 करोड़ रुपए के पीएनबी फ्रॉड में नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप के मालिक मेहुल चौकसी आरोपी हैं। दाेनों फरवरी में फ्रॉड के खुलासे से पहले ही देश छोड़कर भाग गए थे।
कहां हुई कार्रवाई?
– अफसरों के मुताबिक, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत ईडी और सीबाआई ने नीरव मोदी के मुंबई के वर्ली इलाके में स्थित समुद्र महल के फ्लैट में कार्रवाई की। कार्रवाई गुरुवार से शुरू होकर शनिवार सुबह तक चली।
– जांच एजेंसी ने यहां से 15 रुपए की एंटीक ज्वैलरी, 1.40 करोड़ रुपए कीमत की घड़ियां और करीब 10 करोड़ रुपए की अमृता शेरगिल, एमएफ हुसैन, केके हेब्बार की पेंटिंग्स जब्त की हैं।
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
– ईडी देश भर में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के ठिकानों पर 251 छापे मार चुकी है। इसमें करीब 7,638 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच की गई है।
– ईडी और सीबीआई नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों के अधिकारियों के साथ ही पीएनबी के ऑडिटर्स से पूछताछ कर चुकी है।
– नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ लुकआउट/ब्लू कॉर्नर नोटिस के साथ गैरजमानती वारंट भी जारी हो चुके हैं। दोनों के पासपाेर्ट रद्द कर दिए गए हैं।
आगे क्या कार्रवाई होगी?
– ईडी नीरव मोदी को तीन समन भेज चुकी है, लेकिन वह एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ। अब ईडी नीरव के प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही है।
– वहीं, ईडी दोनों आरोपियों की विदेशों में मौजूद प्राॅपर्टी की जांच कर उसे जब्त करने की कोशिश कर रही है।
कब और कैसे हुआ फ्रॉड?
– फ्रॉड की शुरुआत पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में 2011 से हुई।
– फ्रॉड फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के जरिए किया गया।
– फर्जी एलओयू तैयार कर 2011 से 2018 तक हजारों करोड़ की रकम विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।
– फ्रॉड का खुलासा फरवरी के पहले हफ्ते में हुआ। पंजाब नेशनल बैंक ने सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी।
– बाद में पीएनबी ने सीबीआई को बैंक में 1300 करोड़ के नए फ्रॉड की जानकारी दी। इस तरह पीएनबी फ्रॉड 11,421 से बढ़कर 12,672 करोड़ हो गया।
क्या होता है एलओयू? – एलओयू एक तरह की गारंटी होती है, जिसके आधार पर दूसरे बैंक अकाउंटहोल्डर को पैसा मुहैया करा देते हैं। यदि अकाउंटहोल्डर डिफॉल्ट कर जाता है तो एलओयू मुहैया कराने वाले बैंक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह संबंधित बैंक को बकाये का भुगतान करे।