कोटा। सरकार की ओर से किसानों की उपज का अच्छा पैसा दिलाने और बिचैलियों को खत्म करने की मंशा के साथ समर्थन मूल्य पर शुरू की गई उडद़, मूंग, चना एवं सरसों की खरीद सरकारी अव्यवस्था के कारण परेशानी का सबब बन गई है।
सरकारी खरीद केन्द्रों पर बेचे गए उड़द-मूंग के रुपए तीन महीने के बाद भी किसानों को नहीं मिले है। जबकि चना और सरसों की खरीद के लिए आॅनलाइन किए जा रहे पंजीयन की स्थिति यह है कि कभी तो खरीद की तिथि का मैसेज ही नहीं मिल रहा और कभी सर्वर डाऊन होने के चलते किसानों को ई मित्र के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
ऐसे में सरकारी खरीद को लेकर किसानों में भी नाराजगी बढती जा रही है। सरकार ने किसानों के उड़द-मूंग के बाद अब सरसों और चने की उपज को अच्छे भाव दिलाने के लिए जिले में समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करवाई है। इसमें पारदर्शिता रखने के लिए एवं किसानोें को टोंकन की परेशानी से बचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की।
यह सिस्टम शुरू-शुरू में काफी अच्छी रही, लेकिन धीरे-धीरेे यह व्यवस्था परेशानी का सबब बन गई। किसानों को अभी तक बेचे गए उडद-मूंग के रुपए नहीं मिले तो चने, सरसों के लिए कई किसानों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी बेचने की तिथि का मेसेज मोबाइल पर नहीं आया है। इससे यह व्यवस्था काफी प्रभावित होती जा रही है।
सांगोद ब्लाॅक के गांव लसेड़िया से आए किसान पुरूषोत्तम मेहता ने बताया कि 3 माह पूर्व 15 जनवरी को सरकारी खरीद केन्द्र पर उड़द की तुलाई कराई थी। जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। इसको लेकर राजफैड की ओर से जारी किए गए टोल फ्री नंबर 18001806001 तथा कोटा के 2740231, 439, 537 पर सम्पर्क करने का भी प्रयास किया, लेकिन फोन ही नहीं लग रहा है।
इसके बाद जब वेबसाइट पर दिए गए कोटा में पदस्थ क्षैत्रीय अधिकारी के नम्बर 8058485395 पर सम्पर्क किया तो उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया। ढोटी निवासी श्याम किशोर तथा दीगोद ब्लाॅक के गांव सुवाणा के अशोक यादव ने बताया कि सुबह से ई मित्र के तीन चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन ई मित्र की ओर से केवल आधे घण्टे में सर्वर ठीक होने की बात कही जा रही है।
ऐसे में, गांव भी नहीं जा पा रहे हैं और पंजीयन भी नहीं हो पा रहा है। उधर, ई -मित्र संचालक गिरीराज शर्मा ने बताया कि किसान लगातार चने, सरसों की सरकारी खरीद के लिए टोकन का पंजीयन कराने के लिए आ रहे हैं, लेकिन वेबसाइट पर सुबह से ही ‘‘सर्वर अण्डर मेन्टेन्स’’ का मैसेज दिया जा रहा है।
इसके 30 मिनट में ठीक होने के मैसेज के चलते किसानों को बार बार ई मित्र आना पड़ रहा है। यह परेशानी जब से खरीद शुरू हुई है, तब से लेकर कईं बार आ चुकी है। गिरीराज शर्मा ने बताया कि कईं बार तो पंजीयन के बाद भी खरीद तिथि का मैसेज नहीं आने पर किसान ई मित्र संचालकों से झगड़ा करने लगते हैं।