विदेशी निवेशकों ने फरवरी में निकाले 11 हजार करोड़, 5 महीने के हाई पर

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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार से फॉरेन इन्वेस्टर्स की निकासी 5 महीने के हाई पर पहुंच गया है। फरवरी महीने फॉरेन इन्वेस्टर्स ने भारतीय शेयर बाजार से 11,000 करोड़ रुपए की निकासी की। इमर्जिंग मार्केट में बेहतर अवसर मिलने से फॉरेन इन्वेस्टर्स ने पैसे निकाले। डाटा के मुताबिक, जनवरी महीने में एफपीआई ने शेयर बाजार में 13,780 करोड़ रुपए निवेश किए थे।

एनएसई के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड सीईओ विक्रम लिमये ने कहा, फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एफपीआई) भारतीय मार्केट से पैसे निकालकर ब्राजील जैसे इमर्जिंग मार्केट में निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा, ग्लोबल संकेत निकासी की एक और वजह है।

11,037 करोड़ इक्विटी से निकाले
डिपॉजिटरी डाटा के मुताबिक, पिछले महीने एफपीआई ने इक्विटी से 11,037 करोड़ रुपए निकाले हैं, जो सितंबर 2017 के बाद यह हाइएस्ट नेट आउटफ्लो है। उस समय फॉरेन इन्वेस्टर्स ने भारतीय इक्विटी मार्केट से 11,392 करोड़ रुपए की निकासी की थी।

ग्लोबल सेल ऑफ का असर
ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म ग्रो के को-फाउंड और सीओओ हर्ष जैन का कहना है कि जनवरी में अमेरिका में बेरोजगारी दर 17 साल के निचले स्तर 4.1 फीसदी पर रहा। इसके चलते महंगाई बढ़ने की आशंका से यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा रेट में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ी। इससे ग्लोबल स्तर पर बिकवाली देखने को मिली।

एफपीआई द्वारा भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाले की यह वजह है।वहीं Intellistocks की चीफ इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स नलिनी जिंदल ने कहा कि अमेरिका में महंगाई दर कई वर्षों के निचले स्तर पर है।

फेडर रेट में बढ़ोतरी की संभावना से एफपीआई का सेंटीमेंट्स बिगड़ा है। उन्होंने कहा कि हालिया बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स और लोकल कंप्लायंस में एफपीआई को लाए जाने से फॉरेन इन्वेस्टर्स ने प्रॉफिट बुकिंग की है।