21 में से 17 राज्यों में लिंगानुपात गिरा, राजस्थान में 32 प्वाइंट की कमी

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नई दिल्ली/जयपुर। देश के 21 बड़े राज्यों में से 17 राज्यों में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है। गुजरात मे गिरावट 53 पॉइंट नीचे पहुंच गई है। वहीं राजस्थान में 32 प्वाइंट की कमी आई है नीति आयोग द्वारा जारी इस रिपोर्ट में भ्रूण का लिंग परीक्षण कराकर होने वाले गर्भपात के मामले में जांच की जरूरत पर जोर दिया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, जन्म के समय लिंगानुपात मामले में 10 या उससे ज्यादा पॉइंट्स की पर्याप्त गिरावट होने वाले राज्यों में से एक गुजरात में प्रति 1,000 पुरुषों पर 907 महिलाओं का अनुपात अब घटकर 854 हो गया है। यहां वर्ष 2012-14 (आधार वर्ष) से 2013-15 (संदर्भ वर्ष) के बीच 53 पॉइंट्स की गिरावट हुई है।

स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के बाद हरियाणा का स्थान है। यहां 35 पॉइंट्स की गिरावट दर्ज हुई है। इसके बाद राजस्थान (32 पॉइंट्स), उत्तराखंड (27 पॉइंट्स), महाराष्ट्र (18 पॉइंट्स), हिमाचल प्रदेश (14 पॉइंट्स), छत्तीसगढ़ (12 पॉइंट्स) और कर्नाटक (11 पॉइंट्स) की गिरावट हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्री कंसेप्शन ऐंड प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम, 1994 को लागू करने और लड़कियों के महत्व के बारे में प्रचार करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की जरूरत है।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जन्म के समय लिंगानुपात के मामले में पंजाब में सुधार हुआ है। यहां 19 पॉइंट्स की वृद्धि हुई है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 10 पॉइंट्स और बिहार में 9 पॉइंट्स की वृद्धि हुई है।

राजस्थान का लिंग अनुपात
राजस्थान में लिंग अनुपात इसके समग्र विकास और विकास का एक बड़ा संकेत नहीं है। केरल और कर्नाटक जैसे भारत में अन्य राज्यों की तुलना में 1000 पुरुष के 926 महिलाओं की वर्तमान लिंग अनुपात कम है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में सिर्फ 10 जिलों में लिंग अनुपात 900 से अधिक है। वास्तव में पिछले दो दशकों में राजस्थान का लिंग अनुपात घट गया है जो सरकार और एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का कारण बनता है।