नई दिल्ली । पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी मामले में विभिन्न एजेंसियां एक के बाद एक हरकत में आ रही हैं। शुक्रवार को पूंजी बाजार नियामक संस्था (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड सेबी ने कहा कि उसने पीएनबी व गीतांजलि जेम्स के शेयरों की ट्रेडिंग व डिसक्लोजर जैसे मुद्दों समेत अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले अन्य नजरिये से जांच शुरू कर दी है।
दूसरी तरफ ऑडिटर्स की सर्वोच्च संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) ने भी कहा है कि वह पीएनबी मामले में संबंधित बैंकों और कंपनियों के ऑडिटर्स की भूमिका की जांच करेगा। सेबी ने एक बयान में कहा कि संस्था शेयर बाजार में सर्वोच्च स्तर के आचरण और निष्ठा के लिए प्रतिबद्ध है। जो कोई भी इसका उल्लंघन करता पाया जाएगा, नियामक उसके खिलाफ कठोर कदम उठाएगा।
गौरतलब है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने वर्ष 2013 में गीतांजलि जेम्स के शेयरों की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी पकड़ी थी। उसके बाद एनएसई ने उसी वर्ष जुलाई 2013 में कंपनी के प्रमोटर मेहुल चोकसी और अन्य को गीतांजलि जेम्स के शेयरों में कारोबार करने पर रोक लगा दी थी।
सेबी समेत देश के शेयर बाजारों ने पीएनबी धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड अरबपति ज्वैलरी कारोबारी नीरव मोदी और चोकसी समेत उससे संबंधित अन्य सभी लोगों के सभी कंपनियों में शेयरों की खरीद-फरोख्त का विश्लेषण शुरू कर दिया है। गीतांजलि जेम्स द्वारा कंपनी की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में शेयर बाजारों को जानकारी नहीं देने जैसी घटनाओं की जांच भी सेबी कर रहा है।
इसी हफ्ते गीजांजलि जेम्स के निदेशक बोर्ड की बैठक होने वाली थी, जिसे शेयर बाजारों को पर्याप्त कारण बताए बिना कंपनी ने टाल दिया था। इस बीच, आइसीएआइ ने भी कहा है कि वह पीएनबी धोखाधड़ी में बैंक के ऑडिटर्स की भूमिका की जांच करेगी। संस्था यह देखेगी कि इस पूरे मामले में ऑडिटर्स की तरफ से तो कोई अनदेखी नहीं हुई है। इसके लिए संस्था ने मामले की जांच में जुटी सभी एजेंसियों समेत सेबी से भी सूचनाएं मांगी हैं।
इस मामले की स्वतः संज्ञान लेने वाले आइसीएआइ के प्रेसीडेंट नवीन एन. डी. गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि फाइनेंशियल रिपोर्टिंग रिव्यू बोर्ड (एफआरआरबी) को पंजाब नेशनल बैंक और गीतांजलि जेम्स मामले में स्वतः संज्ञान लेकर समीक्षा प्रक्रिया शुरू करने की सलाह दी गई है। गुप्ता ने कहा कि इंस्टीट्यूट ने पीएनबी, सेबी, प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को पत्र लिखकर सूचनाएं मांगी हैं।
पीएनबी के खिलाफ समुचित कार्रवाई करेगा आरबीआइ-
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने शुक्रवार को कहा कि वह पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में नियंत्रण तंत्र के मूल्यांकन का काम शुरू कर चुका है और पर्यवेक्षक होने के नाते वह बैंक के खिलाफ उचित कदम कदम उठाएगा। इसके साथ ही आरबीआइ ने उन खबरों को भी झुठलाया है जिनमें कहा गया था कि उसने इस घोटाला मामले में पीएनबी से अन्य बैंकों के साथ लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एलओयू) की शर्तों का पालन करने के लिए कहा है।
आरबीआइ ने कहा, “पीएनबी में हुई धोखाधड़ी बैंक के एक या अधिक कर्मचारियों की आचरणहीनता से पैदा हुए परिचालन संबंधी जोखिम और बैंक के आंतरिक तंत्र के विफल रहने का नतीजा है। आरबीआइ इसके लिए पहले ही पीएनबी में आंतरिक नियंत्रण तंत्र के मूल्यांकन का काम शुरू कर चुका है और उचित पर्यवेक्षकीय कदम उठाएगा।”
संपत्ति बेचने की तैयारी में पीएनबी-
हजारों करोड़ की धोखाधड़ी से घिरा पीएनबी अपनी कुछ रियल एस्टेट संपत्तियों की बिक्री की तैयारी कर रहा है। मामले से सीधे जुड़े एक सूत्र ने कहा कि इसमें नई दिल्ली स्थित बैंक का एक विशाल ऑफिस स्पेस भी है, जिसकी मौजूदा कीमत लगभग 5,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद बैंक जल्द से जल्द संपत्तियों की बिक्री कर लेना चाहता है।