नई दिल्ली। करीब 11 हजार 356 करोड़ रुपए के पीएनबी फ्रॉड मामले में सरकार की तरफ बयान आया है। न्यूज एजेंसी कोजेंसिंस के अनुसार, वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने शुक्रवार को बताया कि पीएनबी इस फ्रॉड के चलते पैदा हुई दूसरे बैंकों की अपनी सभी देनदारी मार्च 2018 तक क्लियर कर देगा। मामले की जांच जारी है। पीएनबी ने बुधवार को स्टॉक एक्सचेंजों को इस फ्रॉड की जानकारी दी थी।
पीएनबी को नहीं मिलेगा अतिरिक्त पैसा
– वित्त मंत्रालय के अफसर ने बताया कि पीएनबी को अपने इंटरनल सोर्सेज के आधार पर ही अपनी देनदारी का निपटारा करना होगा। इसके लिए सरकार की ओर से अतिरिक्त कैपिटल इन्फ्यूजन नहीं होगा।
– अफसर ने बताया कि बैंक अब आगे के बकाया की रिकवरी के लिए 36 संबंधित अकाउंट की शुरुआत जांच करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि इलाहाबाद बैंक, एक्सिस बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने फर्जी एलओयू के आधार पर नीरव मोदी की कंपनियों को विदेश में एडवांस पेमेंट किए।
– जनवरी में सरकार ने पंजाब नेशलन बैंक में 5473 करोड़ रुपए इन्फ्यूज करने का एलान किया था। यह सरकारी बैंकों के लिए कुल 88,139 करोड़ रुपए के कैपिटल इन्फ्यूजन प्लान का हिस्सा था। इसमें 80 हजार करोड़ रुपए रिकैपिटलाइजेशन बॉन्ड के जरिए दिए जाने हैं।
नीरव मोदी से जुड़ी 50 से ज्यादा कंपनियों पर पड़ेगी रेडः फाइनेंस मिनिस्ट्री
– फाइनेंस मिनिस्ट्री के सोर्सेस ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग और पीएनबी की एक ब्रांच से जुड़े फ्रॉड में नीरव मोदी से जुड़ी 50 से ज्यादा कंपनियों पर छापेमारी की जाएगी।
– यह कार्रवाई सीबीआई, एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा होगी।
– वहीं नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की 36 कंपनियों की जांच होगी। 36 कंपनियों में से आधी से ज्यादा भारत से बाहर ऑपरेट होती हैं।
नीरव मोदी की संपत्तियों की लिस्ट हो रही तैयार
– सोर्सेस ने कहा, ‘नीरव मोदी और एमी मोदी की चल व अचल संपत्तियों की लिस्ट तैयार की जा रही है और इन पर छापेमारी की जाएगी।’
– उन्होंने कहा कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने 14 फरवरी को लिखे एक लेटर में पीएसयू बैंकों के प्रमुखों को ऐसे स्कैम्स रोकने की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए थे।