नई दिल्ली। देश में निर्यात और रोजगार बढ़ाने के लिए नीति आयोग ने चीन की नीति पर चलने की वकालत की है। इसके अनुसार इस तरह देश में निर्यात बढ़ाया जा सकता है। आयोग नेअपने तीन साल के ड्राफ्ट एक्शन एजेंडे में पूर्वी तट और पश्चिमी तट पर एक-एक तटीय रोजगार जोन (सीईजेड) का सुझाव दिया है।
उसका मानना है कि इससे अधिक उदार और व्यापार-अनुकूल आर्थिक वातावरण को तैयार करने में मदद मिलेगी।ड्राफ्ट एक्शन एजेंडे के अनुसार, भारत को दो तटीय रोजगार क्षेत्रों को बनाकर चीन की रणनीति को दोहराना चाहिए। सीईजेड की शुरुआती संख्या को दो पर सीमित रखने से सुनिश्चित होगा कि सीमित संसाधन बहुत अधिक जोन में थोड़े-थोड़े नहीं फैल पाएंगे।
इसके अलावा केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाने के कारण कई अर्थव्यवस्थाओं को आकर्षित करने और अपेक्षाकृत कम समय में नतीजे देने की ज्यादा संभावनाएं रहेंगी। ये जोन कारोबार में सुगमता सहित व्यापार अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करेंगे। यह तंत्र विशेष रूप से निर्यात और आयात करने में आसानी के साथ पर्यावरण आवेदनों और पानी व बिजली कनेक्शन के लिए मंजूरी के फैसलों में तेजी लाएगा।
एक्शन एजेंडा पांच साल की योजना प्रणाली की जगह लेगा। एजेंडे में इस बात पर जोर दिया गया है कि सामाजिक सब्सिडी में इस तरह का बदलाव किया जाना चाहिए ताकि लाभार्थी उन पर निर्भर बने रहने की बजाय आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सके। ड्राफ्ट एक्शन एजेंडे में इस बात को रेखांकित किया गया है कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व संबंधित सुधारों का क्रियान्वयन यात्रा और पर्यटन में सुविधा प्रदान करेगा।