नई दिल्ली। पहली से आठवीं क्लास तक पढ़ाने वाले टीचरों की नियुक्ति के लिए होने वाली सीटेट की परीक्षा अब साल में केवल एक बार आयोजित की जाएगी। अभी तक यह परीक्षा साल में दो बार ली जाती थी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने संबंध में एचआरडी मिनिस्ट्री को बताया है कि कई तरह की परीक्षाएं आयोजित करने के कारण उसके ऊपर पहले ही अतिरिक्त काम का काफी बोझ है। सीबीएसई इंजिनियरिंग के लिए जेईई-मेन्स और मेडिकल के लिए नीट की परीक्षा भी आयोजित करता है।
बता दें कि बोर्ड ने हाल में साल में दो बार आयोजित किए जाने वाले नैशनल एलिजिबिलटी टेस्ट (नेट) की परीक्षा साल में एक बार लिए जाने की सिफारिश की थी। इस परीक्षा के जरिए असिस्टेंट प्रफेसर के पदों पर भर्तियां की जाती हैं। सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘जब सभी बड़ी परीक्षाएं साल में एक बार ही आयोजित की जाती हैं तो केवल नेट और सीटेट की परीक्षाएं ही साल में दो बार आयोजित की जाएं? यह काफी बड़ी परीक्षाएं हैं और इसके लिए भारी संसाधनों की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही साल में दो बार होने के कारण उम्मीदवार इन परीक्षाओं के प्रति बहुत अधिक गंभीर भी नहीं रहते हैं।’
सीबीएसई, एचआरडी मिनिस्ट्री और नैशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के अधिकारियों ने यह निर्णय लिया है कि सीटेट की परीक्षा अब साल में सिर्फ एक बार केवल एक बार आयोजित की जाएगी। वर्तमान में यह परीक्षा साल में दो बार फरवरी और सितंबर के महीने में आयोजित की जाती है जिसमें हर साल लगभग 9 लाख उम्मीदवार शामिल होते हैं। हालांकि अभी तक इस बात का निर्णय नहीं लिया गया है कि यह परीक्षा किस महीने में आयोजित की जाएगी।
एक अधिकारी ने बताया, ‘जब तक सभी परीक्षाएं लेने के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित नैशनल टेस्टिंग सर्विस (एनटीएस) काम करना शुरू नहीं करती तब तक नेट और सेटेट की परीक्षा सीबीएसई ही लेता रहेगा।’ एचआरडी मिनिस्ट्री ने उच्च शिक्षा में एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करने के लिए एनटीएस के रूप में एक स्वतंत्र संस्था के गठन का प्रस्ताव रखा है। हालांकि अभी तक नेट की परीक्षा साल में एक बार कराए जाने के ऊपर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है।