नई दिल्ली। रिजर्व बैंक आज मॉनिटरी पॉलिसी स्टेटमेंट जारी करेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज्यादा संभावना इस बात की है कि रिजर्व बैंक दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। महंगाई और तेल की कीमतें बढ़ रहीं हैं। इसके अलावा बजट में ऐसे कई ऐलान हुए हैं जिससे राजकोषीय घाटे पर दबाव बढ़ सकता है। ऐसे में रिजर्व बैंक के लिए दरों में कटौती की गुजाइश बहुत कम है। ऐसे में लोगों को सस्ते कर्ज और ईएमआई में राहत के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
महंगाई और तेल की कीमतें बढा सकती हैं मुश्किलें
इकोनॉमिस्ट पई पनिंदकर ने बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी में रेट में बदलाव की संभावना नहीं है। महंगाई 5.3 फीसदी तक पहुंच चुकी है। तेल की कीमतें बढ़ रहीं हैं। इसके अलावा बजट में ऐसी कई घोषणाएं हुईं है जिस पर अमल करने से राजकोषीय घाटा बढ़ने की संभावना है।
ऐसे में रेट कट की गुंजाइश नहीं है। इसके बावजूद अगर रिजर्व बैंक रेट में कटौती करता है तो यह 0.25 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी। बीएनपी परिबास ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह लगभग तय है कि रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा।
अगस्त में रेपो रेट में हुई थी कटौती
रिजर्व बैंक ने अगस्त में रेपो रेट में 0.25 फीसदी तक कटौती की थी और रेपो रेट 6 फीसदी हो गया था। मौजूदा रेपो रेट पिछले 6 साल में सबसे निचले स्तर पर है। इसके बाद अगली दो मॉनिटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कोई बदलाव
रेपो रेट में कटौती की उम्मीद नहीं
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ राजकिरण राय जी ने कहा कि मेरा मानना है कि रिजर्व बैंक को दरों में बदलाव नहीं करना चाहिए। मौजूदा समय में दरों में कटौती की गुंजाइश नहीं बनती है। इसके अलावा रिजर्व बैंकों में दरों में वृद्धि भी नहीं करनी चाहिए।
इसके अलावा कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के सीनियर इकोनॉमिस्ट सुवदीप रक्षित को भी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक को नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। इसके अलावा रिजर्व बैंक बजट पर भी गौर करेगा कि इससे राजकोषीय घाटे और महंगाई पर क्या असर होगा।
ग्रोथ में आ रही है तेजी
चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमणियम ने इकोनॉमिक सर्वे के बाद कहा था कि ग्रोथ में तेजी आ रही है और महंगाई बढ़ रही है ऐसे में रिजर्व बैंक के पास दरों में कटोती की गुंजाइश बहुत कम होगी। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई सितंबर तिमाही में 6.3 फीसदी जीडीपी ग्रोथ संकेत दे रही है कि अर्थव्यवस्था मजबूती की राह पर है।
दिसंबर में महंगाई रही 5.21 फीसदी
फूड आयटम की कीमतें बढ़ने के कारण दिसंबर माह में खुदरा महंगाई 5 फीसदी को पार कर 5.21 फीसदी तक पहुंच गई। वहीं नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई 4.88 फीसदी और नवंबर में 3.41 फीसदी थी।