कोटा होकर दिल्ली-मुंबई रूट पर हाईस्पीड ट्रेन चलाने की तैयारी
कोटा। दिल्ली- मुंबई और कोटा के यात्रियों को जल्दी ही हाई स्पीड ट्रैन में सफर करने को मिलेगा। दिल्ली-मुंबई रूट पर हाईस्पीड ट्रेन दौड़ाने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसका उद्देश्य दिल्ली से मुंबई की 16 घंटे की यात्रा को 12 घंटे करना है।
बजट में हाईस्पीड ट्रेन दौड़ाने के लिए 11 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। कोटा रेल मंडल ने इस कार्य के लिए 6250 करोड़ की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दी है। कोटा में इसके लिए कुछ काम भी शुरू हो चुके हैं। रूट पर पड़ने वाले रतलाम, बड़ौदा मुंबई मंडलों को भी अपने-अपने क्षेत्र की डीपीआर तैयार करनी है।
दिल्ली-मुंबई रूट पर कोटा रेल मंडल का 549 किमी का क्षेत्र है। इस रूट पर अभी 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ती हैं। इसमें दिल्ली-मुंबई राजधानी निजामुद्दीन-मुंबई अगस्त क्रांति शामिल हैं। ये दोनों ट्रेन कोटा होकर निकलती हैं।
इस रूट पर अब 160 से 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनों को दौड़ाया जाना है। रूट में आने वाले कोटा सहित चार मंडलों में कोटा के इंजीनियरिंग, सिग्नल, ट्रैक्शन विभाग ने मिलकर डीपीआर तैयार करके भेजी हैं।
हाईस्पीड ट्रेन के उद्देश्य से कोटा रेल मंडल में 10-12 थिक वेव प्वाॅइंट गुड़ला थूरिया में लगाए जा चुके हैं। इस तरह के प्वाॅइंट लगाने से प्वाॅइंट क्लेम करने लॉक करने की जरूरत नहीं होती। हाईस्पीड ट्रेन को आसानी से निकाला जा सकता है। इसके लिए ट्रैक के आसपास बाउंड्री भी की जानी है।
50 किमी क्षेत्र में बाउंड्री का काम दो माह में पूरा हो जाएगा। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हाईस्पीड ट्रेन दौड़ाने के उद्देश्य से रेलवे बोर्ड में हाईस्पीड कॉरपोरेशन अलग से बना दिया गया है। वेस्टर्न रेलवे को इस कार्य की मॉनीटरिंग की जिम्मेंदारी दी गई है।
कोटा में ये होना है काम
- ट्रैक अपग्रेडेशन के लिए मॉर्डन रेल कम्पोनेंट की फिटिंग होगी
- डबल इलेक्ट्रिकल वायरिंग
- सिग्नल सिस्टम में सुधार
- मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम
- रेलवे क्रॉसिंग गेट के स्थान पर आरओबी या आरयूबी
- रेलवे ब्रिज मजबूत करने के उपाय
- स्थाई स्पीड रोक वाले स्थानों को दुरुस्त करना