देवास। मप्र के देवास बैंक नोट प्रेस (बीएनपी) में शुक्रवार को डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा को 200-200 के नए नोट की दो गडि्डयां चुराकर ले जाते हुए पकड़ा गया है। सीआईएसएफ ने उनके ऑफिस के डस्टबिन, लॉकर से 26 लाख 09 हजार 300 रुपए बरामद किए। जबकि घर में दीवान के अंदर रखे जूतों के बक्से और कपड़े की थैलियों से 64.5 लाख रुपए मिले। पूरी राशि 200 और 500 के नोटों में है।
वर्मा बीएनपी में नोट वेरिफिकेशन सेक्शन के प्रमुख थे। इस वजह से अधिकारियों को मिली फ्रिस्किंग (तलाशी) में आंशिक छूट का फायदा उठाते और नोट चुराकर जूतों और कपड़ों में रखकर ले जाते थे। सीआईएसएफ ने उन्हें पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस ने नोट चुराने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी जिस शाखा में पदस्थ था वहां जांचे जाते हैं नोट
देवास बैंक नोट प्रेस (बीएनपी) सूत्रों के अनुसार छह हिस्सों में नोट छपता है। इसमें से चौथी और पांचवीं स्टेप में त्रुटिपूर्ण नोटों को अलग करने की प्रक्रिया होती है। उसी हिस्से में वर्मा पदस्थ थे और मौका पाकर नोटों की गड्डी निकालकर डस्टबिन या लॉकर में रख लेते थे। विभाग प्रमुख होने की वजह से उनके लॉकर की जांच भी नहीं होती थी।
दो दिन पहले ही किया था जॉइन
पुलिस के अनुसार, आरोपी मनोहर वर्मा 1984 में क्लर्क के तौर पर बीएनपी में नियुक्त हुए थे। विभिन्न शाखाओं में पदस्थ रहे। कुछ दिनों पूर्व ही नोट वेरिफिकेशन सेक्शन में जॉइन किया था, इससे पहले वह फिनिशिंग-1 शाखा में पदस्थ थे।
200-200 रुपए की दाे गडि्डयां बरामद
नोट वेरिफकेशन सेक्शन के डिप्टी कंट्रोलर के जूतों से 200-200 रुपए की दाे गडि्डयां बरामद की गई हैं। शक होने पर उनकी निगरानी की जा रही थी। अधिकारियों से जूते उतरवाकर चेकिंग का प्रावधान नहीं हैं और वर्मा उसी रेंक में आते हैं।
यह शर्मनाक है क्योंकि ऐसा समझा जाता है कि वे तो दूसरे स्टाफ पर निगरानी करेंगे। घटना के बाद अधिकारी स्तर की चेकिंग के संबंध में वरिष्ठ कार्यालय से मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
-हेमेंद्र सिंह, सीआईएसएफ पीआरओ