कोटा। अनावश्यक लोगों व दलालों का यूआईटी में प्रवेश रोकने के लिए यूआईटी ने सभी दरवाजे बंद करवा दिए हैं। मेन गेट को ही खुला रखा है। इसमें भी प्रवेश तभी मिलेगा, जब आगंतुक रजिस्टर में अपना नाम, आने का कारण, किससे मिलना है, अपना पता व मोबाइल नंबर लिखकर देगा। इसकी पूरी माॅनिटरिंग सचिव अपने कक्ष में बैठकर करते हैं। शुक्रवार को पहले दिन जब यह व्यवस्था शुरू हुई तो वहां लोगों में खलबली मच गई।
आम आदमी को सुबह के समय तो कार्यालय में घुसने ही नहीं दिया जा रहा था। लाडपुरा निवासी भरत मेवाड़ा सुबह रानी लक्ष्मीबाई योजना में अपने भूखंड की राशि जमा करवाने पहुंचे तो उन्हें फाॅर्म में मार्क करवाकर लाने को कहा। जब वे मुख्य इमारत में प्रवेश करने लगे तो सुरक्षा गार्ड ने उन्हें रोक दिया।
उनसे बाेले कि तीन बजे बाद ही आम लाेगों का प्रवेश के आदेश हैं। इस दौरान लोगों की भी भीड़ लग गई। हंगामा होते देखकर भीतर से एक अधिकारी ने आकर यह व्यवस्था दी कि वे रजिस्टर में अपना नाम पता लिखकर दें। इसके बाद उन्हें प्रवेश दिया गया।
क्या अधिकारियों को लोगों से खतरा है : जिस प्रकार से आने-जाने वालों के नाम पते नोट किए जा रहे थे, उससे लग रहा था कि यहां के अधिकारियों को उनसे खतरा है। इस बारे में जब सचिव आनंदीलाल वैष्णव से पूछा तो बोले ऐसा नहीं है, लेकिन आम लोगों के साथ कुछ अवांछित लोग भी घुस आते हैं और आॅफिस का माहौल खराब करते हैं।
हम चाहते हैं सुबह के समय कर्मचारी काम करें। लोगों की समस्या के लिए दोपहर तीन बजे से समय निर्धारित कर दिया गया है। वैसे ही अब यह व्यवस्था की जा रही है कि कोई भी व्यक्ति यूआईटी नहीं आए, पूरी व्यवस्था को आॅनलाइन किया जा रहा है। इस व्यवस्था से अवांछित लोगों की आवाजाही कम होगी। वैसे तीन बजे बाद इस व्यवस्था को हटा दिया जाता है। अपनी समस्या लेकर आने वाला अधिकारियों से मिल सकता है।